EC ने लगाया प्रतिबंध, अब चुनावों के समय रात में आपको परेशान नहीं करेंगे नेताओं के फोन या SMS
निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में संशोधित दिशानिर्देश जारी कर भविष्य में होने वाले चुनावों के लिए यह प्रतिबंध लागू किया है।
नई दिल्ली: चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद उम्मीदवार रात के समय प्रचार अभियान थमने पर मतदाताओं को फोन कॉल, SMS या व्हाट्सएप संदेश के जरिए वोट मांगने की अपील नहीं कर सकेंगे। निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में संशोधित दिशानिर्देश जारी कर भविष्य में होने वाले चुनावों के लिए यह प्रतिबंध लागू किया है। इसके तहत चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद प्रतिदिन रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक की वह अवधि शामिल है जिसमें चुनाव प्रचार निषिद्ध होता है।
EC ने जारी किए निर्देश
आयोग के सचिव एनटी भूटिया द्वारा हाल ही में सभी राज्यों और संघशासित क्षेत्रों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को जारी निर्देश में यह स्पष्टीकरण दिया गया है। मौजूदा व्यवस्था में उम्मीदवार आचार संहिता लागू होने के बाद दिन में ही संवाद एवं संचार के सभी माध्यमों से प्रचार अभियान चला सकते हैं। प्रचार अभियान संबंधी मौजूदा दिशानिर्देशों के तहत उम्मीदवार रात को 10 बजे से सुबह 6 बजे तक प्रचार थमने की अवधि में लाउडस्पीकर या सभाएं आयोजित कर प्रचार नहीं कर सकते हैं। हालांकि इस अवधि में उम्मीदवार घर-घर जाकर या फोन कॉल एवं SMS आदि को प्रचार का माध्यम बना लेते थे।
रात में घर-घर जाकर वोट नहीं मांग सकते कैंडिडेट
आयोग ने प्रतिबंध का दायरा बढाते हुए इसमें फोन कॉल, SMS और व्हाट्सएप संदेश एवं घर-घर जाकर वोट मांगने को भी शामिल कर दिया है। आयोग ने इसके पीछे नागरिकों की निजता का सम्मान करने और सामान्य जनजीवन में अशांति या व्यवधान को रोकने को मुख्य वजह बताया है। आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के हवाले से इस साल 20 अप्रैल को जारी निर्देश में संशोधन करते हुये यह व्यवस्था लागू की है। निर्देश में आयोग ने कहा, ‘नागरिकों की निजता का सम्मान करने और सामान्य जनजीवन में अशांति को कम करने के लिये ऐसा करना आवश्यक है।’
मोबाइल ऐप के जरिए कर सकेंगे शिकायत
आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को इस निर्देश से सभी संबद्ध जिला निर्वाचन अधिकारियों, अन्य चुनाव अधिकारियों और सभी राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त एवं गैर मान्यता प्राप्त पंजीकृत राजनीतिक दलों को अवगत कराते हुए इसका पालन सुनिश्चित करने को कहा है। इसका उल्लंघन होने पर मतदाता चुनाव आयोग के ‘सी विजिल’ मोबाइल ऐप के जरिये शिकायत कर सकेंगे।
100 मिनट के अंदर कार्रवाई अनिवार्य
उल्लेखनीय है कि इस साल के अंत में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और अगले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुये मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने हाल ही में इस ऐप को लॉंच किया था। चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन सहित अन्य किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की सी विजिल के जरिये की गयी शिकायत पर सौ मिनट के भीतर तत्काल प्रभावी कार्रवाई करना अनिवार्य है।
तस्वीर या वीडियो के जरिए कर सकंगे शिकायत
शिकायतकर्ता के मोबाइल फोन की लोकेशन के आधार पर संबद्ध निर्वाचन अधिकारी को इस पर तत्काल कार्रवाई करना बाध्यकारी है। एंड्रॉयड आधारित इस ऐप की मदद से कोई भी नागरिक चुनावी गड़बड़ी की तस्वीर अथवा वीडियो के जरिये शिकायत कर सकता है। इस ऐप का कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान बेंगलुरु विधानसभा क्षेत्र में सफल प्रायोगिक परीक्षण किया जा चुका है।