देश के लिए कुर्बान होने वाले सैनिकों की याद में बन रहा है ‘राष्ट्रीय युद्ध स्मारक’
आजादी के बाद देश की संप्रभुत्ता और अखंडता की रक्षा करने के लिए सर्वस्व न्योछावर करने वाले 22,500 से अधिक सैनिकों की याद में इंडिया गेट से पूर्व में ‘सी-हेक्सागन’ पर छतरी के पास ‘राष्ट्रीय युद्ध स्मारक’ के निर्माण का कार्य शुरू हो गया है...
नई दिल्ली: आजादी के बाद देश की संप्रभुत्ता और अखंडता की रक्षा करने के लिए सर्वस्व न्योछावर करने वाले 22,500 से अधिक सैनिकों की याद में इंडिया गेट से पूर्व में ‘सी-हेक्सागन’ पर छतरी के पास ‘राष्ट्रीय युद्ध स्मारक’ के निर्माण का कार्य शुरू हो गया है। रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने इस बारे में पूछे जाने पर बताया कि राष्ट्रहित में एवं देश की अखंडता के लिए बलिदान देने वाले वीर भारतीय सैनिकों की स्मृति में इंडिया गेट के पास राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का निर्माण किया जा रहा है। गौरतलब है कि प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध एवं आजादी से पहले ब्रिटिश शासनकाल में युद्ध में बलिदान देने वाले सैनिकों की याद में इंडिया गेट के रूप में उनकी स्मृति मौजूद है लेकिन आजादी के बाद बलिदान देने वाले सैनिकों के लिए कोई राष्टीय स्मारक नहीं मौजूद है।
संसद में पेश रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, विभिन्न कमानों के तहत व्यक्ति विशेष स्मारकों सहित देश में लगभग 120 युद्ध स्मारक मौजूद हैं। इंडिया गेट पर पिछले एक महीने से राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के निर्माण का कार्य शुरू हो गया है। इसके लिए इंडिया गेट से पूर्व में ‘सी-हेक्सागन’ पर छतरी के पास से होते हुए चिल्ड्रेंस पार्क और ध्यानचंद स्टेडियम के पास लगने वाली सड़क तक के क्षेत्र को हरे रंग की टिन की चादर से घेर दिया गया है। इसके घेरे के भीतर JCB मशीन से मिट्टी निकाली जा रही है। इस निर्माणाधीन राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में 1947-48 में जम्मू कश्मीर अभियान के दौरान जान गंवाने वाले 1100 सैनिकों, 1962 के चीन युद्ध के दौरान शहीद 3,000 से अधिक सैनिकों, पाकिस्तान के साथ 1965 एवं 1971 के युद्ध में शहीद करीब 7,000 सैनिकों के अलावा श्रीलंका में भारतीय शांति रक्षक बल, करगिल युद्ध तथा सियाचिन अभियान में जान गंवाने वाले सैनिकों के साथ अलगाववाद निरोधक अभियान में बलिदान देने वाले सैनिकों का उल्लेख किया जाएगा।
दिल्ली अर्बन आर्ट कमीशन में अपने कार्यकाल के दौरान प्रसिद्ध वास्तुकार दिवंगत चार्ल्स कोरिया के समक्ष रक्षा सेवाओं की ओर से इंडिया गेट पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के निर्माण का प्रस्ताव आया था। इसे 4 मीटर ऊंची दीवार के रूप में तैयार किया जाने का प्रस्ताव था जिस पर 1947 के बाद बलिदान देने वाले सैनिकों के नाम का उल्लेख होगा। प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि स्मारक में करीब 22 हजार से अधिक शहीदों के नाम, नंबर, रैंक और उनकी यूनिट स्मृति दीवार पर प्रदर्शित होनी चाहिए तथा इसमें भविष्य की जरूरतों की गुंजाइश होनी चाहिए। उस समय चार्ल्स कोरिया ने सुझाया था कि चूंकि इस प्रकार का ढांचा काफी भारी भरकम होगा और ऐसे में दीवार की ऊंचाई कुछ कम की जाए और कुछ भाग को जमीन के नीचे रखा जाए। इससे राष्ट्रपति भवन से राजपथ होते हुए इंडिया गेट के अति सुंदर विहंगम नजारे और इसकी खूबसूरती नैसर्गिक रूप में बनी रहेगी।
साल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नई दिल्ली स्थित इंडिया गेट के पास राष्ट्रीय युद्ध स्मारक और राष्ट्रीय युद्ध संग्रहालय के निर्माण को मंजूरी दी। ये स्मारक और संग्रहालय आजादी के बाद देश के लिए बलिदान देने वाले सभी भारतीय सैनिकों की याद में बनाए जा रहे हैं। इस परियोजना की अनुमानित लागत करीब 500 करोड़ रुपये होगी। संग्रहालय का निर्माण प्रिंसेंस पार्क के पास किए जाने का प्रस्ताव है।