नई दिल्ली। सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण के लिए संविधान संशोधन का बिल लोकसभा में पास होने के बाद अब राज्यसभा में फैसला होना है। आज यह बिल राज्यसभा में पेश होगा। लेकिन, संसद के इस ऊपरी सदन में सरकार के पास पूर्ण बहुमत नहीं है, ऐसे में बिल पास कराने के लिए सरकार को विपक्ष की मदद लेनी पड़ेगी।
सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के राज्यसभा में कुल 90 सांसद हैं जबकि विपक्ष के पास 145 सांसद हैं। आज राज्यसभा में शीतकालीन सत्र का अंतिम दिन भी है, ऐसे में अगर सरकार को बिल पास कराना होगा तो इसके लिए विपक्षी सांसदों की मंजूरी लेनी पड़ेगी। हालांकि मंगलवार को लोकसभा में सत्तापक्ष और विपक्ष के ज्यादातर सांसदों ने इस बिल का समर्थन किया है, ऐसे में उम्मीद है कि राज्यसभा में भी यह बिल आसानी से पास हो जाएगा।
सामान्य वर्ग के गरीब लोगों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण के लिए 124वां संविधान संशोधन मंगलवार को लोकसभा में पास हो गया, इस संशोधन के पक्ष में 323 वोट पड़े जबकि विरोध में 3 वोट डाले गए।
राज्यसभा से अगर यह पास होता है तो इसके बाद यह राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए जाएगा और आरक्षण के लिए नया कानून बन जाएगा। इस कानून के बाद सरकारी नौकरिओं और निजी तथा सरकारी शिक्षण संस्थानों में 10 प्रतिशत सीटें सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए आरक्षित हो जाएंगी।
आर्थिक रूप से पिछड़े ऐसे सामान्य वर्ग परिवार इस आरक्षण के हकदार होंगे जिनकी सालाना कमाई 8 लाख रुपए से कम होगी, जिसके पास 5 हेक्टेयर से कम जमीन होगी, जिनका घर 1000 स्क्वेयर फीट से कम क्षेत्रफल का हो, अगर घर नगरपालिका में होगा तो प्लाट का आकार 100 यार्ड से कम होना चाहिए और अगर घर गैर नगर पालिका वाले शहरी क्षेत्र में होगा तो प्लाट का आकार 200 यार्ड से कम होना चाहिए।
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