नई दिल्ली: कांग्रेस के नेतृत्व में कुछ विपक्षी दलों द्वारा मंगलवार को संविधान दिवस के उपलक्ष्य में संसद की संयुक्त बैठक का बहिष्कार किए जाने की संभावना है और वे महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस, वाम दल, राकांपा, तृणमूल कांग्रेस, राजद, तेदेपा और द्रमुक द्वारा महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रम तथा देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद और अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के खिलाफ संसद परिसर के भीतर आंबेडकर प्रतिमा के पास संयुक्त प्रदर्शन करने की योजना है।
उन्होंने बताया कि विपक्षी दल सुबह में संयुक्त बैठक भी करेंगे और संविधान दिवस समारोह के बहिष्कार पर अंतिम फैसला करेंगे। इसका मकसद महाराष्ट्र में सियासी घमासान के मद्देनजर विपक्ष की एकजुटता दिखाना है । भाजपा की पूर्व सहयोगी शिवसेना के भी विरोध में हिस्सा लेने की संभावना है। शिवसेना के नेता अनिल देसाई, अरविंद सावंत और कुछ अन्य नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की और कांग्रेस द्वारा आहूत विरोध को अपना समर्थन दिया।
सरकार संविधान सभा द्वारा संविधान अंगीकार करने के 70 साल होने के उपलक्ष्य में संसद के केंद्रीय कक्ष में मंगलवार को संविधान दिवस मनाने वाली है। इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांसदों को संबोधित करेंगे।
हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। क्योंकि, 26 नवंबर 1949 को संविधान के मसौदे को अपनाया गया था। इसके बाद ही 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था। हालांकि, संविधान दिवस का इतिहास इतना पुराना नहीं है। सरकार ने 19 नवंबर, 2015 को राजपत्र अधिसूचना की सहायता से 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में घोषित किया था।
(इनपुट- भाषा)
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