नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस ने शहर में पानी और बिजली की कथित कमी को लेकर राष्ट्रीय राजधानी के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में मंगलवार को प्रदर्शन किया। प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित ने इसे ‘जीने और मरने का मामला’ बताया। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री दीक्षित ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर आपातकालीन योजना लाने में भी अक्षम होने का आरोप लगाया।
संगम विहार में प्रदर्शन स्थल पर दीक्षित ने दावा किया कि दिल्लीवासी भीषण गर्मी में बार बार बिजली कटौती और पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं लेकिन सरकार गहरी नींद में सो रही है। उन्होंने कहा, ‘‘यह जीने और मरने का मामला है। पानी और बिजली की कमी सबसे ज्यादा महिलाओं, बुजुर्गों और गरीबों को प्रभावित करती है।’’
गौरतलब है कि दीक्षित की अगुवाई में कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने हाल में मुख्यमंत्री केजरीवाल से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की थी जहां उन्होंने पानी और बिजली आपूर्ति के मुद्दों पर चर्चा की थी और बिजली के बिलों में बढ़ाए गए निर्धारित शुल्क को वापस लेने की मांग की थी। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हारून युसूफ ने बल्लीमारन विधानसभा क्षेत्र में प्रदर्शन किया और दावा किया कि इलाके में जिस तरह के पानी की आपूर्ति की जा रही है वो पीने लायक नहीं है।
प्रदर्शनों पर प्रतिक्रिया देते हुए ‘आप’ नेता गोपाल राय ने कहा, ‘‘ मैं चाहूंगा कि शीला जी तुलना करें कि उन्होंने अपने 15 बरस के कार्यालय में जल संकट से निपटने के लिए क्या किया और आप ने सिर्फ साढ़े चार साल में क्या किया।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘आप सरकार ने साढ़े चार साल में जो किया है वो 15 बरस में वह (दीक्षित) नहीं कर पाईं थीं। असल में, बिजली की ऊंची कीमतों की वजह से ही उनकी सरकार गई थी।’
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