नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के ताजा हालातों को लेकर कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने शनिवार को राजधानी नई दिल्ली में प्रेस वार्ता कर चिंता जाहिर की। प्रेस कॉंफ्रेंस में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबीं आजाद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को लेकर गृह मंत्रालय की एडवाजरी चिंताजनक है।
उन्होंने कहा कि ये सबके लिए चिंता का विषय। 30 साल में ये अबतक नहीं हुआ है। कल जो एडवाइजरी जारी की गयीं उससे सब चिंता में हैं। तीर्थ यात्री और पर्यटकों को वापस वापस बुलाया जा रहा है। 2002 में जब तीर्थ यात्रियों पर हमला हुआ था, जिसमे 89 लोग मारे गए। तब भी सिर्फ 3-4 दिन के लिए ही यात्रा सस्पेंड की गई थी।
आतंकी घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 10 दिन पहले 20 हज़ार अर्धसैनिक बल कश्मीर भेजे गए, जबकि इस बार सबसे काम आतंकवादी घटना हुई है, सबसे अधिक तीर्थ यात्री अमरनाथ जा रहे हैं।
सरकार के फैसले की निंदा करते हैं – गुलाम नबी
गुलाम नबी आजाद ने आगे कहा कि आज NIT के सामने बस लगाई गई है बच्चों को वापस भेजने के लिए। मझे याद है 1990 में बीजेपी के सहयोग से बी.पी.सिंह की सरकार थी। उस समय भी ऐसे ही लोगों को बाहर निकालने के लिए बस और ट्रक बुलाए थे। वो भाई आज भी वापस नहीं जा पाए। आज 30 साल बाद एक बार फिर से वही डर फैलाया जा रहा है। हम इसकी निंदा कर रहे हैं। हम सरकार के इस फैसले की निंदा करते हैं।
कर्ण सिंह बोले – आज तक नहीं देखे ऐसे हालात
प्रेस वार्ता में कांग्रेस नेता कर्ण सिंह ने कहा कि मुझे 70 वर्ष हो गए सार्वजनिक जीवन में। मैंने आजतक ऐसे हालात नहीं देखे हैं। अभी नागपंचमी भी नहीं हुई, पूर्णमासी भी नहीं हुई, लेकिन यात्रा को खत्म किया जा रहा है। ये जो भी हो रहा है, इसका कारण समझ में नहीं आ रहा है। छड़ी को अमरनाथ गुफा में जाना बहुत जरूरी है। पता नहीं उसका क्या हो रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि पता नहीं क्या हो रहा है, सब डरे हुए है। रातों रात इतनी फौज जा रही है, हमें शंका हो रही है। पता नहीं क्या हो रहा है। इस स्टेट का क्या होने जा रहा है हमे पता नहीं है। करोड़ों लोगों की जीविका खत्म हो जाएगी। क्या इतना बड़ा कारण है क्या? अगर है तो उसका कारण बताया जाए। इस रियासत को हमने आपने खून पसीने से सींचा है।
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