नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अर्थव्यवस्था की स्थिति और ‘सत्ता के दुरुपयोग’ को लेकर बृहस्पतिवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा और पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वह सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने के साथ ही सड़क पर उतरकर संघर्ष करें तथा जनता से सीधा संपर्क स्थापित करें।
पार्टी के महासचिवों-प्रभारियों, प्रदेश अध्यक्षों, मुख्यमंत्रियों और विधायक दल के नेताओं की बैठक में सोनिया गांधी ने देश की अर्थव्यवस्था के मौजूदा हालात पर चिंता जताई और यह आरोप लगाया कि मोदी सरकार में हर संस्था को कमजोर किया जा रहा है और विरोध की आवाज को दबाया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम ऐसे वक्त मिल रहे हैं जब प्रतिशोध की राजनीति अपने चरम पर है और यह वो समय है जब सत्ता के खिलाफ आवाज उठाने वालों को धमकी दी जा रही है। विरोध की आवाज को दबाया जा रहा है।’’ सोनिया ने दावा किया, ‘‘लोकतंत्र को इतना खतरा कभी नहीं रहा। मैंने कुछ हफ्ते पहले भी कहा था कि सत्ता का बहुत ही खतरनाक ढंग से दुरुपयोग किया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘देश उन ताकतों का मुकाबले करने को तैयार है जो महात्मा गांधी, सरदार पटेल और बी आर आंबेडकर के संदेशों को अपने हिसाब से गलत रूप में प्रस्तुत करती हैं। हमें इनका मुकाबला करने के लिए सड़कों पर उतरना होगा, गांव, कस्बों और शहरों में लोगों तक पहुंचना होगा।’’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना या इस पर आक्रामक रहना पर्याप्त नहीं है, हालांकि यह भी जरूरी है लेकिन लोगों तक सीधे पहुंचना ज्यादा महत्वपूर्ण है।’’
हाल ही में कई कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने के संदर्भ में सोनिया ने कहा कि यह इन नेताओं के अवसरवादी चरित्र को दर्शाता है। उन्होंने कहा, ‘‘हम जल्द ही तीन राज्यों में चुनावों का सामना करने जा रहे हैं। हालात चुनौतीपूर्ण हैं और अगर हम सिर्फ पार्टी हित को ऊपर रखें तो फिर से अपनी खोई जमीन वापस पा सकते हैं।’’
सोनिया ने कहा कि पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पुडुचेरी में कांग्रेस की सरकारों को संवेदनशील, जवाबदेह और पारदर्शी शासन की मिसाल पेश करनी होगी तथा घोषणापत्र में किए वादों को पूरा करना होगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम जनता का विश्वास खो देंगे और परिणाम विपरीत होंगे।
Latest India News