नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी में उथल-पुथल मच गई है। कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दिल्ली में कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको और दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि 'कांग्रेस अध्यक्ष ने पीसी चाको और सुभाष चोपड़ा का इस्तीफा स्वीकार कर लिया।' इसके साथ ही वेणुगोपाल ने जानकारी दी कि शक्ति सिंह गोहिल को दिल्ली में कांग्रेस का अन्तरिम प्रभारी नियुक्त किया गया है।
सुभाष चोपड़ा ने ली हाल की नैतिक जिम्मेदारी
दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी शिकस्त के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने मंगलवार को हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा दिया था। उन्होंने कहा था कि ‘‘मैंने हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। अब आलाकमान को मेरे इस्तीफे पर निर्णय लेना है।’’ बुधवार को पार्टी आलाकमान ने सुभाष चोपड़ा के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया। बता दें कि चोपड़ा को पिछले साल अक्टूबर में दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
पीसी चाको ने शीला दीक्षित पर फोड़ा हार का ठीकरा
कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको ने इस्तीफा देने से पहले पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित पर हार का ठीकरा फोड़ा। पीसी चाको ने कहा, “2013 में ही कांग्रेस पर संदेह की शुरुआत हुई। 2013 में जब शीला दीक्षित जी मुख्यमंत्री थीं तब से कांग्रेस की गिरावट शुरू हुई थी। आम आदमी पार्टी जैसी नई पार्टी कांग्रेस का सारा वोट बैंक खींच ले गई और कांग्रेस को बहुत कमजोर पार्टी बना दिया। हम फिर कभी वापसी नहीं कर सके।"
कौन हैं शक्ति सिंह गोहिल?
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने प्रेस रिलीज में लिखा कि "कांग्रेस अध्यक्ष ने शक्ति सिंह गोहिल को दिल्ली में कांग्रेस का अंतरिम प्रभारी नियुक्त किया है।" वर्तमान में शक्ति सिंह गोहिल बिहार में भी कांग्रेस के प्रभारी हैं। अब वह बिहार के साथ-साथ दिल्ली का काम भी देखेंगे। शक्ति सिंह ने रसायन विज्ञान से स्नातक की और फिर कानून की पढ़ाई की। इसके अलावा उन्होंने पत्रकारिता भी की है। साल 1986 में शक्ति सिंह का राजनीति करियर शुरू हुआ। तब वह युवा कांग्रेस से जुड़े थे। इसके बाद गोहिल का कद कांग्रेस में बढ़ता ही चला गया।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में भी फेल हुई कांग्रेस
दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार भी कांग्रेस को किसी भी सीट पर जीत नहीं मिली है। इससे पहले कांग्रेस को 2015 के चुनावों में भी किसी सीट पर जीत हासिल नहीं हुई थी। वह इस बार भी शून्य पर ही रह गई। दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को 70 में से 62 सीटों पर जीत मिली है जबकि 8 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी की जीत हुई है।
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