A
Hindi News भारत राष्ट्रीय धारा 370 पर कांग्रेस में मतभेद, पार्टी ने महासचिवों, प्रदेश अध्यक्षों और सांसदों की बुलाई बैठक

धारा 370 पर कांग्रेस में मतभेद, पार्टी ने महासचिवों, प्रदेश अध्यक्षों और सांसदों की बुलाई बैठक

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराएं हटाए जाने से जुड़े सरकार के कदम को लेकर कांग्रेस नेताओं के बीच मतभेद खुलकर सामने आने की पृष्ठभूमि में कांग्रेस ने आगामी नौ अगस्त को अपने महासचिवों-प्रभारियों, प्रदेश अध्यक्षों, राज्यों में विधायक दल के नेताओं, पार्टी के विभाग प्रमुखों और सांसदों की बैठक बुलाई है।

Rahul Gandhi with Sonia Gandhi- India TV Hindi Image Source : PTI Rahul Gandhi with Sonia Gandhi

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराएं हटाए जाने से जुड़े सरकार के कदम को लेकर कांग्रेस नेताओं के बीच मतभेद खुलकर सामने आने की पृष्ठभूमि में कांग्रेस ने आगामी नौ अगस्त को अपने महासचिवों-प्रभारियों, प्रदेश अध्यक्षों, राज्यों में विधायक दल के नेताओं, पार्टी के विभाग प्रमुखों और सांसदों की बैठक बुलाई है। बैठक में इस विषय पर चर्चा की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों को पत्र लिखकर बैठक की जानकारी दी है। 

यह बैठक नौ अगस्त की शाम 15 गुरुद्वारा रकाबगंज रोड स्थित पार्टी के वाररूम में प्रस्तावित है। पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति ने भी जम्मू-कश्मीर के विषय पर बैठक की थी जिसमें एक प्रस्ताव पारित कर सरकार के कदम को एकतरफा और अलोकतांत्रिक करार देते हुए यह कहा गया कि जम्मू-कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और पीओके तथा चीन के अधीन भूभाग भी भारत के अभिन्न अंग हैं। 

सीडब्ल्यूसी ने कहा कि वह राज्य के लोगों के साथ खड़ी रहेगी और भाजपा के ''विभाजनकारी एजेंडे'' के खिलाफ लड़ेगी। कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक उस वक्त बुलाई है जब पार्टी के कई नेता अनुच्छेद 370 पर सरकार के कदम का खुलकर समर्थन कर चुके हैं। इसमें नया और प्रमुख नाम वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का है। सिंधिया ने सरकार के कदम का समर्थन करते हुए मंगलवार को कहा कि यह राष्ट्रहित में लिया गया निर्णय है। 

वैसे, सिंधिया से पहले दीपेंद्र हुड्डा, मिलिंद देवड़ा, अनिल शास्त्री, रंजीत रंजन और अदिति सिंह सहित पार्टी के कई नेता जम्मू-कश्मीर पर उठाए गए नरेंद्र मोदी सरकार के कदम का समर्थन कर चुके हैं। दूसरी तरफ, कांग्रेस का आधिकारिक रुख इस कदम के विरोध में है। उसका आरोप है कि सरकार ने संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया है। पार्टी ने संसद में विधेयक का विरोध किया है। 

गौरतलब है कि संसद ने मंगलवार को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा संबंधी अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के प्रस्ताव संबंधी संकल्प और जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित करने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी । उधर, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने वाले प्रस्ताव को बुधवार को स्वीकृति प्रदान की।

Latest India News