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Hindi News भारत राष्ट्रीय राफेल सौदा: दसॉल्‍ट सीईओ के बयान पर कांग्रेस फिर हमलावर, झूठे बयान से घोटाला नहीं दबेगा

राफेल सौदा: दसॉल्‍ट सीईओ के बयान पर कांग्रेस फिर हमलावर, झूठे बयान से घोटाला नहीं दबेगा

राफेल विवाद को लेकर दसॉल्ट के सीईओ के ताजा बयान को लेकर एक बार फिर कांग्रेस आक्रामक रुख में आ गई है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि रटंत इंटरव्यू और गढ़े गए झूठ राफेल घोटाले को नहीं दबा सकते।

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राफेल विवाद को लेकर दसॉल्‍ट के सीईओ के ताजा बयान को लेकर एक बार फिर कांग्रेस आक्रामक रुख में आ गई है। कांग्रेस प्रवक्‍ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि रटंत इंटरव्यू और गढ़े गए झूठ राफेल घोटाले को नहीं दबा सकते। समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्‍यू में दसॉल्‍ट सीईओ इरिक ट्रैपियर ने कहा है कि वो कभी झूठ नहीं बोलते। राफेल पर दिए गए पहले और बाद के सभी बयान बिल्कुल सच्चे हैं। ( दसॉल्‍ट के सीईओ का इंटरव्‍यू) 

ट्रैपियर के बयान पर सवाल उठाते हुए सुरजेवाला ने कहा कि खुद को साफ बताना प्राकृतिक न्‍याय के नियमों के खिलाफ है। पहले तो आपसी फायदा उठाने वाले और सह अभियुक्त के बयान का कोई मतलब नहीं है वहीं लाभार्थी और आरोपी अपने ही केस में जजमेंट नहीं सुना सकते। उन्‍होंने कहा कि सच्चाई जरूर सामने आएगी 

एएनआई को दिए इंटरव्‍यू में दसॉल्ट के सीईओ ने कहा कि राफेल पर दिए गए पहले और बाद के सभी बयान बिल्कुल सच्चे हैं। ट्रैपियर ने आगे कहा कि अनिल अंबानी की कंपनी का चुनाव खुद दसॉल्ट ने किया है। रिलायंस के अलावा दसॉल्ट के तीस अन्य भी बिजनेस पार्टनर हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में एरिक ट्रैपियर ने दशॉ-रिलायंस के जॉइंट वेंचर से संबंधित आरोपों को नकार दिया।

इससे पहले राहुल गांधी ने 2 नवंबर को प्रेस कान्फ्रेंस में आरोप लगाया था कि दसॉल्ट एविएशन ने घाटे में चल रही अनिल अंबानी की कंपनी में 284 करोड़ रुपए का निवेश किया, और उस रकम का इस्तेमाल नागपुर मे जमीन खरीदने के लिए किया गया। राहुल गांधी ने कहा था कि इससे यह साबित होता है कि डसॉल्ट  एविएशन के CEO झूठ बोल रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा था कि इसकी अगर जांच की जाती है तो नरेंद्र मोदी नहीं बचेंगे। 

इस पर दसॉल्ट एविएशन के CEO ने कहा कि उनकी कंपनी के पास कांग्रेस पार्टी के साथ सौदे का पुराना अनुभव है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी के अध्‍यक्ष के बयान से उन्‍हें दुख पहुंचा है। उन्‍होंने कहा कि उनकी कंपनी ने भारत के साथ पहला सौदा 1953 में किया था। उस वक्‍त जवाहर लाल नेहरू प्रधानमंत्री थे।

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