पुणे: प्रधानमंत्री मोदी के कांग्रेस मुक्त भारत के नारे से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने खुद को अलग कर लिया है। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने साफ किया है कि ये नारा संघ की भाषा की हिस्सा नहीं है। पुणे में एक किताब के विमोचन पर बोलते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि कांग्रेस मुक्त भारत जैसे नारे राजनीतिक मुहावरे हैं न कि संघ की भाषा का हिस्सा। केंद्र में बीजेपी की सरकार आने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ये नारा दिया था जिसे बाद में कई दूसरे बीजेपी नेता भी चुनावों के दौरान बोलते दिखाई दिए हैं।
भागवत ने यहां एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में कहा,"ये राजनीतिक नारे हैं। यह आरएसएस की भाषा नहीं है। मुक्त शब्द राजनीति में इस्तेमाल किया जाता है। हम किसी को छांटने की भाषा का कभी इस्तेमाल नहीं करते। हमें राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में सभी लोगों को शामिल करना है, उन लोगों को भी जो हमारा विरोध करते हैं।" संघ प्रमुख यहां 1983 बैच के भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी ध्यानेश्वर मुले की छह पुस्तकों का विमोचन करने आए थे। दरअसल पीएम मोदी इस नारे को अक्सर बोलते रहे हैं।
फरवरी में संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वह महात्मा गांधी के कांग्रेस मुक्त भारत के सपने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। पीएम मोदी ने आजादी के बाद कांग्रेस को भंग करने वाली गांधीजी की बात की तरफ इशारा करते हुए ये कहा था। इसके अलावा संघ प्रमुख ने हिन्दुत्व की विचारधारा को साफ करते हुए कहा कि हिन्दुत्व अपने देश, परिवार और अपने आप पर विश्वास करना सिखाता है। भागवत ने कहा," यदि कोई अपने आप पर, परिवार पर और देश पर विश्वास करता है तो वह समावेशी राष्ट्रनिर्माण की दिशा में काम कर सकता है।"
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