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Hindi News भारत राष्ट्रीय नक्सल रोधी जांच: कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का फोन नंबर आरोपपत्र में शामिल

नक्सल रोधी जांच: कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का फोन नंबर आरोपपत्र में शामिल

इस पत्र के एक हिस्से में लिखा हुआ है, ‘‘हमे छात्रों का इस्तेमाल करते हुए अवश्य ही राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन तेज करना चाहिए

Congress leader Digvijay Singh on Pune police radar in connection to Koregaon Bhima case- India TV Hindi Congress leader Digvijay Singh on Pune police radar in connection to Koregaon Bhima case

पुणे एल्गार परिषद मामले के माओवादियों से कथित संबंध को लेकर गिरफ्तार किए गए 10 मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ जो आरोपपत्र दाखिल किया गया है, उसमें संलग्न किए गए एक पत्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का फोन नंबर भी होने का पुलिस ने दावा किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को बताया कि पुणे पुलिस द्वारा इस मामले के सिलसिले में देश भर में मारे गए छापे के दौरान यह पत्र जब्त किया गया था। 

पुणे पुलिस ने हाल ही में पांच कार्यकर्ताओं - सुरेंद्र गाडलिंग, शोमा सेन, महेश राउत, रोना विल्सन और सुधीर धावले के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। उन्हें जून में गिरफ्तार किया गया था। यह पत्र 25 सितंबर 2017 का है, जो कॉमरेड प्रकाश नाम के व्यक्ति ने सुरेंद्र को लिखा है। पुलिस सुरेंद्र नाम के इस शख्स को सुरेंद्र गाडलिंग बता रही है। 

इस पत्र के एक हिस्से में लिखा हुआ है, ‘‘हमे छात्रों का इस्तेमाल करते हुए अवश्य ही राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन तेज करना चाहिए। सरकारी बल छात्रों के खिलाफ उदार रहेंगे, जिससे सरकार हमारे खिलाफ कार्रवाई करने के दौरान क्रमश: नुकसान उठाएगी। कांग्रेस नेता इस प्रक्रिया में सहायता करने के लिए बहुत इच्छुक हैं और आगे के आंदोलन को धन मुहैया करने के लिए भी राजी हुए हैं ...इस सिलसिले में, आप हमारे मित्र से इस नंबर पर (पुलिस के मुताबिक दिग्विजय सिंह के फोन नंबर पर) संपर्क कर सकते हैं।’’ 

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पत्र में उल्लिखित नंबर कांग्रेस की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। यह पूछे जाने पर कि क्या सिंह को पूछताछ के लिए तलब किया जाएगा, पुणे के उप पुलिस आयुक्त (जोन I) सुहास बावचे ने कहा कि छापे के दौरान जब्त किए गए पत्रों से कई नंबर मिले हैं और इन नंबरों के मालिकों की और मामले में उनकी भूमिका की जांच की जा रही है। बावचे ने कहा, ‘‘यदि किसी की भूमिका साबित हो जाती है, तो जांच के तहत जो कुछ भी करने की जरूरत होगी, किया जाएगा।’’ संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) शिवाजी बोडाखे ने बताया कि फिलहाल किसी को भी नोटिस जारी नहीं किया गया है। 

वहीं, दिग्विजय सिंह ने इन आरोपों के सामने आने के बाद इन्हें खारिज करते हुए सरकार को उन्हें गिरफ्तार करने की चुनौती दी थी। मध्य प्रदेश के सतना में चार सितंबर को संवाददाताओं से बात करते हुए सिंह ने कहा था, ‘‘यदि मैं दोषी हूं तो मैं केंद्र और राज्य सरकार को खुद को गिरफ्तार करने की चुनौती देता हूं।’’ 

इस मामले में गिरफ्तार किए गए अन्य कार्यकर्ता तेलुगु कवि वरवर राव, अरूण फरेरा, वेरनन गोंजाल्विस, सुधा भारद्वाज हैं। गौतम नवलखा पर मामला दर्ज किया गया है लेकिन उन्हें अब तक पुलिस हिरासत में नहीं लिया गया है। अभियोजन ने रविवार को अदालत से कहा था कि एल्गार परिषद के माओवादी संबंध के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों के खिलाफ राजद्रोह और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने से जुड़े आरोप जोड़े गए हैं। 

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