नई दिल्ली: कांग्रेस ने असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) में करीब 40 लाख लोगों के शामिल नहीं होने के मुद्दे पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बयान पर असंतोष जताते हुए कहा कि सरकार को इस मामले पर तत्काल सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘गृह मंत्री का बयान संतोषनक नहीं है। यह केवल एक राज्य से जुड़ा मामला नहीं है, बल्कि इसका पूर्वोत्तर के कई राज्यों से संबंध है। इसका अंतरराष्ट्रीय आयाम भी है जो हमारे हमारे पड़ोसी बांग्लादेश से जुड़ा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह मानवता से जुड़ा प्रश्न है। हमारी मांग है कि सरकार जल्द से सर्वदलीय बैठक बुलाए और पूरी स्थिति के बारे में जानकारी दे और यह भी बताए कि वह क्या कदम उठाने जा रही है। सरकार को कल ही बैठक बुलानी चाहिए।’’ शर्मा ने कहा, ‘‘हमें बताया गया है कि बहुत सारे ऐसे लोगों को एनआरसी से बाहर रखा गया है जो कई पीढ़ियों से असम में रह रहे हैं और भारतीय नागरिक हैं। एनआरसी में शामिल होने के लिए 16 दस्तावेजों में से किसी एक के होने की बात की गई थी। लेकिन पता चला है कि बहुत सारे ऐसे लोगों को बाहर रखा गया है जिनके पास दो या तीन दस्तावेज थे।
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गौरतलब है कि लोकसभा में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वामदलों समेत कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने आज एनआरसी का मुद्दा उठाया और इसे अमानवीय एवं मानवाधिकार के खिलाफ कदम बताया। इस पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह काम उच्चतम न्यायालय की निगरानी में हो रहा है और सभी को अपनी नागरिकता साबित करने का मौका मिलेगा । सिंह ने कहा कि असम के लिए एनआरसी का मसौदा पूरी तरह निष्पक्ष है और जिनका नाम इसमें शामिल नहीं है उन्हें घबराने की जरुरत नहीं है क्योंकि उन्हें भारतीय नागरिकता साबित करने का मौका मिलेगा।
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