कांग्रेस ने देश को धर्म के आधार पर बांटा, CAA पर भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं राहुल गांधी: अमित शाह
शाह ने पूछा, “अगर आप उनकी (गांधी) नहीं सुनेंगे तो किस की सुनेंगे?” उन्होंने कहा कि पाकिस्तान राहुल गांधी और कांग्रेस के नेताओं के बयान का संयुक्त राष्ट्र में भारत के खिलाफ प्रयोग कर रहा है, कांग्रेस को शर्म आनी चाहिए।”
नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह ने भाजपा के राष्ट्रव्यापी ‘जन जागरण अभियान’ के तहत संशोधित नागरिकता कानून पर जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस ने देश को धर्म के आधार पर बांटा है। उन्होनें कहा कि जो सीएए के खिलाफ हैं, वो अनुसूचित जाति-जनजाति विरोधी हैं। शाह ने कहा कि कांग्रेस और राहुल गांधी भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, सीएए में ऐसी कोई धारा नहीं है जो मुसलमानों की नागरिकता लेने की बात करती हो।
शाह ने कहा, "मैं राहुल गांधी को चुनौती देता हूं... सीएए को पूरी तरह से पढ़ें, अगर आपको ऐसा कुछ भी मिलता है जो भारतीय मुसलमानों की नागरिकता छीन लेता है .... हमारे प्रहलाद जोशी (संसदीय कार्य मंत्री) आपसे बहस करने के लिए तैयार हैं।" सीएए पर भाजपा के देशव्यापी जन जागरण अभियान ’के तहत एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कांग्रेस पर धर्म के आधार पर देश को विभाजित करने का आरोप लगाया।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कांग्रेस, कम्युनिस्ट पार्टी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, जेडीएस, बीएसपी और एसपी पर सीएए को लेकर वोट बैंक पॉलिटिक्स करने का आरोप लगाया। इस रैली में मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा, केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी और कई भाजपा नेताओं ने रैली में भाग लिया।
शाह ने आरोप लगाया कि दंगे भड़काने के मकसद से लोगों को सड़कों पर उतारने की कोशिश की गई और कांग्रेस, राहुल गांधी और उनके सहयोगी इसके लिए जिम्मेदार है। राहुल गांधी को निशाना बनाते हुए उन्होंने कहा, “मैंने संसद में भी ऐतिहासिक सत्य कहा था, मैं आज भी वह कहना चाहता हूं। राहुल गांधी कान खोल कर सुन लें- अगर किसी पार्टी ने देश को धर्म के आधार पर बांटा है तो वह कांग्रेस पार्टी है।” धार्मिक प्रताड़ना, हत्याओं, अल्पसंख्यक महिलाओं से बलात्कार, धर्म परिवर्तन आदि का उल्लेख करते हुए शाह ने कहा कि 1950 में राहुल गांधी के परदादा जवाहरलाल नेहरू ने पाकिस्तान के लियाकत अली के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे कि दोनों पक्ष अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करेंगे और नागरिकता देंगे।
उन्होंने कहा, “70 साल में क्या हुआ? भारत ने अपना वादा निभाया लेकिन पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश आजादी के बाद पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी 30 प्रतिशत थी, जो आज पाकिस्तान में तीन प्रतिशत पर और बांग्लादेश में सात प्रतिशत पर आ गई है। यह दावा करते हुए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धार्मिक प्रताड़ना झेलने वालों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए सीएए लेकर आए, उन्होंने जानना चाहा कि कांग्रेस, कम्युनिस्ट पार्टी, पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, जदएस, बसपा और सपा को क्यों तकलीफ हो रही है। यह गौर करते हुए कि नेहरू, सरदार पटेल, राजेंद्र प्रसाद और मौलाना आजाद ने पड़ोसी देशों के धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का वादा किया था, उन्होंने कहा, “राहुल बाबा ये सभी लोग कांग्रेस से थे, वे महान नेता थे।”
उन्होंने कहा, “आपने 70 साल तक सत्ता में रहने के बावजूद वादा पूरा नहीं किया, नरेंद्र मोदी उन्हें नागरिकता देकर उस वादे को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।” साथ ही उन्होंने कहा महात्मा गांधी ने भी नागरिकता देने की बात कही थी। शाह ने पूछा, “अगर आप उनकी (गांधी) नहीं सुनेंगे तो किस की सुनेंगे?” उन्होंने कहा कि पाकिस्तान राहुल गांधी और कांग्रेस के नेताओं के बयान का संयुक्त राष्ट्र में भारत के खिलाफ प्रयोग कर रहा है, कांग्रेस को शर्म आनी चाहिए।”
अभिव्यक्ति की आजादी का हवाला देकर “टुकड़े टुकड़े गिरोह” का समर्थन करने के लिए राहुल पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा, “आप मेरी और मेरी पार्टी की जितनी आलोचना करना चाहते हैं करें लेकिन कोई भी अगर भारत माता के खिलाफ नारेबाजी करेगा, तो उसकी जगह जेल में होगी।” शहर में शाह के दौरे से पहले, प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने “अमित शाह वापस जाओ” के नारे लगाए और हवा में काले गुब्बारे छोड़े। दोपहर में बेंगलुरु पहुंचे शाह, वेदांता भारती द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने दक्षिण बेंगलुरु के सांसद तेजस्वी सूर्या के कार्यालय का उद्घाटन किया और पेजावर मठ के विश्वेष तीर्थ स्वामीजी के वृंदावन (समाधि स्थल) में श्रद्धांजलि अर्पित की।