मुंबई: महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के दौरान अनुपस्थित रहने का फैसला करने के लिए शिवसेना की आलोचना की है। चव्हाण ने कहा, ‘‘शिवसेना को एक साथ सत्ता का स्वाद और सरकार के खिलाफ बोलने का ढोंग बंद करना चाहिए।’’चव्हाण ने कहा, ‘‘अगर पार्टी का विरोध असली है तो उसे सरकार से बाहर हो जाना चाहिए। हालांकि सत्ता को लेकर शिवसेना को इतनी लालसा है कि अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोटिंग की बजाए वह भाग रही है।’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि शिवसेना ने संसद में मराठी भाषी लोगों की समस्याओं को नहीं उठाया।
इससे पहले शिवसेना ने मोदी सरकार के खिलाफ लोकसभा में पेश अविश्वास प्रस्ताव पर शुक्रवार को होने वाले मतदान में अनुपस्थित रहेगी। लोकसभा में शिवसेना के मुख्य सचेतक चन्द्रकांत खैरे ने कल व्हिप जारी कर पार्टी के सभी सांसदों को प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदन में उपस्थित रहने और सरकार का समर्थन करने को कहा था। लेकिन व्हिप जारी होने के कुछ ही घंटे के भीतर शिवसेना ने अपना रूख बदल दिया और कहा कि पार्टी अविश्वास प्रस्ताव पर मोदी सरकार का समर्थन करने के संबंध में फैसला सुबह चर्चा शुरू होने से पहले लेगी। पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पार्टी सांसदों को दिल्ली में ही रहने को कहा है। शिवसेना प्रमुख के करीबी सहयोगी ने बताया , ‘‘अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दौरान उद्धव जी ने शिवसेना सांसदों से अनुपस्थित रहने को कहा है। ’’
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