whats app पर भाजपा का अप्रत्यक्ष नियंत्रण, जेपीसी जांच कराई जाए: कांग्रेस
कांग्रेस ने शनिवार (29 अगस्त) को एक बार फिर नरेंद्र मोदी सरकार पर फेसबुक के स्वामित्व वाले व्हाट्सएप को लेकर जमकर हमला बोला।
नई दिल्ली। कांग्रेस ने शनिवार (29 अगस्त) को एक बार फिर नरेंद्र मोदी सरकार पर फेसबुक के स्वामित्व वाले व्हाट्सएप को लेकर जमकर हमला बोला। कांग्रेस ने कहा कि कथित रूप से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा अप्रत्यक्ष तरीके से नियंत्रित किया जा रहा है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच की मांग भी की है। कांग्रेस ने यह भी मांग की कि जांच पूरी न होने तक व्हाट्सएप को अपनी भुगतान (पेमेंट) सेवाएं शुरू करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
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कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "सोशल मीडिया दिग्गज फेसबुक के भारतीय संचालन और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के बीच अपवित्र घनिष्ठता अब तेजी से उभर रही है और अब ये केवल भारत का नहीं, बल्कि एक वैश्विक मुद्दा है।" एक अंतर्राष्ट्रीय प्रकाशन (पब्लिकेशन) में प्रकाशित एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, "एक प्रतिष्ठित वैश्विक प्रकाशन ने खुलासा किया है कि व्हाट्सएप, जिसका उपयोग 40 करोड़ भारतीय नागरिक करते हैं, उसे भाजपा द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से नियंत्रित किया जाता है।"
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भाजपा के साथ फेसबुक और व्हाट्सएप के अधिकारियों के बीच संबंधों की ओर इशारा करते हुए, खेड़ा ने कहा, "अंखी दास के अलावा भी अब खुलासा हुआ है कि एक अन्य वरिष्ठ कार्यकारी, व्हाट्सएप के शिवनाथ ठुकराल, सत्ता प्रतिष्ठान के एक भक्त हैं और उन्होंने अपने पेशेवर आचरण में पक्षपात किया है।"
खेड़ा ने कहा, "खुलासे से पता चलता है कि ठुकराल को फेसबुक ने 2017 में केवल इसलिए काम पर रखा था, क्योंकि वह सत्ताधारी प्रतिष्ठान के बेहद करीब थे। इसमें विस्तृत रूप से बताया गया है कि सत्ता पक्ष के साथ ठुकराल का रिश्ता 2013 में भी था, जब उन्होंने 2014 के चुनाव अभियान के लिए भाजपा के अन्य सहयोगियों के साथ वेबसाइटों और फेसबुक पेजों का संचालन किया, जो वर्तमान सरकार में वरिष्ठ पदों पर बने हुए हैं।"
खेड़ा ने सोशल मीडिया पर पेज बनाकर भाजपा को चुनावी अभियान में फायदा पहुंचाने का भी आरोप लगाया। इसके साथ ही खेड़ा ने आरोप लगाते हुए कहा कि 2014 में एक फेसबुक पेज था जिसका नाम 'मेरा भरोसा' था, बाद में उसका नाम बदलकर 'मोदी भरोसा' कर दिया गया और इसके बाद इसने भाजपा समर्थक और मोदी समर्थक सामग्री साझा करना शुरू कर दिया।
केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए, कांग्रेस नेता ने कहा, "व्हाट्सएप, जैसा कि आप सभी जानते हैं कि भाजपा पारिस्थितिकी तंत्र के दुष्प्रचार और दुर्भावनापूर्ण प्रचार का पर्याय बन गया है। वास्तव में यह अब गलत सूचना का मुख्य साधन है।"
उन्होंने कहा कि अब व्हाट्सएप चाहता है कि 40 करोड़ भारतीय इसका इस्तेमाल सिर्फ संचार के लिए नहीं बल्कि भुगतान (पेमेंट) करने के लिए भी करें। उन्होंने कहा कि व्हाट्सएप राजस्व अर्जित कर सकता है और भारत में उसका भविष्य इस भुगतान सुविधा पर निर्भर है। यह एक बहु-अरब डॉलर की पहल होगी, जिसके लिए व्हाट्सएप को मोदी सरकार की मंजूरी और अनुमति की आवश्यकता है।
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सरकार पर निशाना साधते हुए, खेड़ा ने कहा, "क्या 40 करोड़ भारतीय व्हाट्सएप पर भरोसा कर सकते हैं जो अप्रत्यक्ष रूप से एक राजनीतिक दल द्वारा नियंत्रित है? क्या आश्वासन है कि व्हाट्सएप का उपयोग करने वाले 40 करोड़ भारतीयों के बैंक विवरण, लेनदेन के विवरण और निजी डेटा को साझा नहीं किया जा रहा है?"
कांग्रेस ने कहा कि यह स्पष्ट हो गया है कि फेसबुक इंडिया और भाजपा सभी परिस्थितियों में दोस्त हैं। कांग्रेस ने मोदी सरकार से कई चीजों की मांग की है।
कांग्रेस ने भाजपा से मांग की है कि वह फेसबुक और व्हाट्सएप के मुद्दे पर जेपीसी जांच कराए। इसके अलावा मांग की गई है कि व्हाट्सएप को पेमेंट लाइसेंस देने से पहले आश्वस्त करें कि डेटा पूरी तरह सुरक्षित रहेगा। इसके अलावा फेसबुक ने जो जांच बैठाई है, उसे सार्वजनिक करने को कहा गया है।