नयी दिल्ली: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शनिवार को दावा किया कि सीबीआई निदेशक का चयन करने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली उच्च-स्तरीय समिति के सदस्य एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने पसंदीदा अधिकारियों को तवज्जो देने की ‘‘गलत मंशा’’ से सीबीआई प्रमुख के चयन के मानदंडों में ‘‘हेरफेर’’ करने की कोशिश की। उन्होंने खड़गे पर आरोप लगाया कि वह चयन समिति में हुई चर्चा के बारे में मीडिया को सिर्फ अपने हिसाब से चीजें बता रहे हैं।
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री सिंह ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘खड़गे ने सीबीआई निदेशक के चयन से संबंधित स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मूल्यांकन पर आधारित उद्देश्यपरक मानदंडों में हेरफेर की कोशिश की....वह उम्मीदवारों की अंतिम सूची में अपने कुछ पसंदीदा अधिकारियों को शामिल करना चाह रहे थे।’’
कार्मिक मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, मध्य प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ऋषि कुमार शुक्ला को शनिवार को दो वर्ष के तय कार्यकाल के लिए सीबीआई का निदेशक नियुक्त किया गया। साल 1983 बैच के आईपीएस अधिकारी शुक्ला को आलोक कुमार वर्मा की जगह सीबीआई प्रमुख के पद पर नियुक्त किया गया। वर्मा को 10 जनवरी को सीबीआई निदेशक के पद से हटाया गया था।
सिंह ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने सीबीआई प्रमुख के चयन में लागू किए जाने वाले मानदंडों का पूरा समर्थन किया। सीबीआई निदेशक का चयन करने वाली समिति में पीएम मोदी के अलावा प्रधान न्यायाधीश गोगोई और लोकसभा में कांग्रेस के नेता खड़गे शामिल हैं।
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