भुवनेश्वर। भारत के दूसरे महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन चंद्रयान-2 के महत्वूपर्ण कलपुर्जे भुवनेश्वर स्थित ‘सेंट्रल टूल रूम एंड ट्रेनिंग सेंटर’ (सीटीटीसी) ने बनाए हैं। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा संचालित (सीटीटीसी) ने भूस्थैतिक उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) मार्क ।।। (थ्री) के क्रायोजेनिक इंजन में ईंधन प्रवेश कराने के लिए 22 प्रकार के वाल्व तथा अन्य पुर्जे बनाये हैं। वैज्ञानिकों ने चार टन तक वजन के उपग्रहों को ले जाने की उसकी क्षमता को लेकर उसका नाम ‘‘फैट ब्वॉय’’ रखा है। यह यान सोमवार को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।
ऑर्बिटर के दिशा निर्देशन एवं अंदरूनी वेग के लिए सात खास उपकरण एवं रोवर ‘प्रज्ञान’ के पुर्जे भी इसी केंद्र द्वारा बनाये गये हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने पहले कहा था कि इस चंद्र मिशन के सभी तीन मॉड्यूल ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) लॉंच के लिए तैयार किये जा रहे हैं और लैंडर के सितंबर के प्रारंभ तक चंद्रमा की सतह पर उतर जाने की संभावना है।
सीटीटीसी के प्रबंध निदेशक सिबासिस मैती ने पीटीआई भाषा से कहा कि इस केंद्र ने मार्च 2017 से ही चंद्र मिशन -2 के लिए कलपुर्जे बनाने शुरू कर दिये थे। इसके लिए 2016 में सीटीटीसी और इसरो के बीच करार हुआ था। मैती ने बताया कि सीटीटीसी ने जीएसएलवी चंद्रयान-1 के लिए भी अहम हार्डवेयर उपलब्ध कराये थे।
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