नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आय बढ़ाने के साथ ही कृषि क्षेत्र के कायाकल्प के इरादे से मुख्यमंत्रियों की उच्च अधिकार प्राप्त समिति का सोमवार को गठन किया। समिति के संयोजक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस होंगे। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गयी है।
विज्ञप्ति के अनुसार समिति किसानों की आय बढ़ाने के साथ कृषि क्षेत्र में बदलाव लाने के उपायों पर चर्चा करेगी। समिति कृषि क्षेत्र में सुधारों को अमल में लाने के उपाय और उसके समयबद्ध क्रियान्वयन के बारे में भी सुझाव देगी। समिति दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी।
उच्च अधिकार प्राप्त समिति में कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी, हरियाणा के मनोहर लाल, अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के अलावा केंद्रीय कृषि, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सदस्य होंगे। नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद इसके सदस्य सचिव बनाये गये हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली राजग सरकार के एजेंडे में कृषि, ग्रामीण विकास, जल संरक्षण और उसका समुचित उपयोग सबसे ऊपर है। नीति आयोग संचालन परिषद की बैठक में उच्च अधिकार प्राप्त समिति गठित करने का निर्णय किया गया था। प्रधानमंत्री ने अपने वादे को ध्यान में रखते हुये और नीति आयोग संचालन परिषद में विचार-विमर्श के बाद मुख्यमंत्रियों की इस उच्च अधिकार प्राप्त समिति का गठन किया है। नीति आयोग की संचालन परिषद की बैठक पिछले महीने हुई थी।
बयान के अनुसार निर्धारित नियम शर्तों के तहत उच्च अधिकार प्राप्त समिति कृषि क्षेत्र के कायाकल्य और किसानों की आय बढ़ाने के उपायों पर चर्चा करेगी। साथ ही राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में सुधारों को अपनाने एवं समयबद्ध तरीके से क्रियान्वयन के उपायों के बारे में सुझाव देगी।
इन सुधारों में कृषि उपज और पशुधन विपणन (संवर्द्धन एवं सहायता) कानून, 2017 (एपीएलएम कानून), कृषि उपज और पशुधन ठेका खेती और सेवाएं (संवर्द्धन एवं सहायता) कानून, 2018 शामिल हैं। इसके अलावा, समिति आवश्यक वस्तु अधिनियम (ईसीए) 1955 के विभिन्न प्रावधानों की भी समीक्षा करेगी और कृषि विपणन और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निजी निवेश आकर्षित करने के लिये ईसीए में बदलाव के सुझाव देगी।
साथ ही समिति कृषि निर्यात को बढ़ाने, खाद्य प्रसंस्करण में वृद्धि को गति देने, आधुनिक बाजार ढांचागत सुविधा, मूल्य श्रृंखला और लाजिस्टिक में निवेश आकर्षित करने के बारे में भी सुझाव देगी। विज्ञप्ति के अनुसार समिति ई-एनएएम (नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट) तथा अन्य प्रासंगिक प्रायोजित योजनाओं के साथ बाजार सुधारों को जोड़ने को लेकर उपाय भी सुझाएगी। इसके अलावा समिति कृषि प्रौद्योगिकी को बेहतर करने और किसानों के लिये बेहतर गुणवत्ता वाले बीज, कृषि उपकरण आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर भी सुझाव देगी।
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