नई दिल्ली: वैश्विक दवा कंपनी फाइजर ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में फाइजर या बायोएनटेक टीका उपलब्ध कराने के लिए वह भारत सरकार के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जिसने फाइजर या बायोएनटेक टीके के आकस्मिक इस्तेमाल को मंजूरी प्रदान कर दी। ब्रिटेन के दवा नियामक ‘मेडिसिंस एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेग्युलेटरी एजेंसी’ (एमएचआरए) ने कंपनी के टीके को अस्थायी मंजूरी दे दी है। यह टीका ब्रिटेन में अगले हफ्ते से उपलब्ध होगा।
फाइजर के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘अभी हम कई सरकारों के साथ बातचीत की प्रक्रिया में है। हम देश में टीका उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार के साथ काम करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।’’ फाइजर ने कहा कि हर किसी के पास टीके तक पहुंचने का अवसर सुनिश्चित है। विशेषकर वह सरकारों के साथ काम कर रही है। बयान में कहा गया है, ‘‘ महामारी के दौर में फाइजर इस टीके को सिर्फ सरकारी अनुबंधों के माध्यम से उपलब्ध कराएगी।’’
इसी महीने आ सकती है कोरोना वैक्सीन, AIIMS के डायरेक्टर का बयान
कोरोना वैक्सीन को लेकर बड़ी खुशखबरी सामने आ रही है। इस महीने के आखिर या जनवरी के पहले हफ्ते में भारत में कोरोना वैक्सीन आ जाएगी। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने वैक्सीन को लेकर ये बड़ा बयान दिया है। रणदीप गुलेरिया ने कहा कि देश में कोरोना वैक्सीन दिसंबर अंत या जनवरी की शुरुआत में आ सकती है। यानि इसी महीने कोरोना वैक्सीन के भारत में आने की उम्मीद बढ़ गई है। अगले दो-तीन महीने में वैक्सीन लगने की पूरी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
एम्स के डायरेक्टर ने कहा, ''यह एक अच्छी खबर है, कि एक वैक्सीन को मान्यता मिल गई है, यह सभी वैक्सीन निर्माताओं के लिए बड़ा प्रोत्साहन है। उन्होंने कहा कि भारत में अब सीरम इंस्टिट्यूट और भारत बायोटेक की वैक्सीन फेस 3 ट्रायल में चल रही हैं, हमे उम्मीद है कि इस महीने के अंत या अगले महीने की शुरुआत में हमें भारतीय दवा रेग्युलेटर से वैक्सीन का आपात इस्तेमाल करने की अनुमति मिल जाएगी और उसके बाद जनता को वैक्सीन मिलना शुरू हो जाएगी।'' रणदीप गुलेरिया ने बताया कि इसके साथ हमें वैक्सीन के वितरण के प्लान पर काम करना होगा और यह भी तय करना होगा कि शुरुआत में किसे वैक्सीन दी जाए।
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