नई दिल्ली: निजामुद्दीन मरकज मामले से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। जानकारी के मुताबिक एनएसए अजित डोभाल ने 28 तारीख की रात को निजामुद्दीन मरकज जाकर मौलाना साद से मुलाकात की और उन्हें बिल्डिंग खाली करने के लिए तैयार किया। अगर एनएसए के निर्देशों का मरकज मौलाना पालन नहीं करते तो उसे खाली कराने के लिए 'कमांडो ऑपरेशन' जैसी तैयारी कर ली गयी थी। सूत्रों के अनुसार अजित डोभाल 28 और 29 की रात दो बजे के बाद गए थे। उन्होंने मौलाना को मौजूद संदिग्ध लोगों के टेस्ट और क्वारंटीन करने और जगह खाली करने के बारे में समझाया। एनएसए के समझाने के बाद मौलाना निर्देशों का पालन करने को तैयार हो गए।
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने निजामुद्दीन पश्चिम में इस महीने की शुरुआत में बड़ी धार्मिक सभा की अगुवाई करने वाले मौलाना के खिलाफ कोविड-19 संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कोई जनसभा आयोजित नहीं करने और सामाजिक दूरी बनाए रखने संबंधी सरकारी आदेशों के उल्लंघन को लेकर मामला दर्ज किया है। मौलाना साद के अलावा डॉ. ज़ीशान, मुफ्ती शहज़ाद, एम. सैफी, यूनुस और मोहम्मद सलमान के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज किया गया है।
मरकज़ को आज सुबह लगभग 3:30 बजे खाली कर लिया गया है। यहां लगभग 2100 लोग थे। इस जगह को खाली करने में 5 दिन लगे। वहीं दिल्ली पुलिस सूत्रों के अनुसार मरकज का मौलाना साद 28 मार्च से लापता है। 28 मार्च को ये मरकज से निकला, ओखला या जाकिर नगर गया फिर वहां से लापता है। इसकी तलाश में दिल्ली पुलिस की टीम जुटी है। इसपर कड़ा एक्शन लिया जाएगा।
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने एक वीडियो जारी किया जिसमें एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी निजामुद्दीन मरकज के सदस्यों से अनुरोध कर रहे हैं कि वे आगंतुकों से अपने गृह क्षेत्र वापस जाने को कहें ताकि कोरोना वायरस की रोकथाम के मद्देनजर सामाजिक दूरी कायम करने के लिए जारी सरकारी आदेशों का पालन हो सके। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वीडियो 23 मार्च को हजरत निजामुद्दीन के थाना प्रभारी (एसएचओ) कार्यालय में बनाया गया था।
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