नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 35 ए को हटाने को लेकर चल रही अफवाहों के बीच केंद्र सरकार को कड़ी चेतावनी दी है और कहा, मैं चेतावनी देता हूं कि केंद्र ऐसी हिमाकत नहीं करे। पी चिंदबरम से जब यह सवाल किया गया कि क्या 35A को राष्ट्रपति के एक अध्यादेश से हटाया जा सकता है, चिदंबरम ने कहा, 'मुझे लगता है कि वो संविधान को ढंग से नहीं समझ पा रहे है। अगर एक अध्यदेश से कोई कानून बनाता है तो उसका मतलब ये नहीं है कि उसको एक अध्यादेश से हटा सकते है। मैं चेतावनी देता हूं कि ऐसी हिमाकत नहीं करें।'
हालांकि इससे पहले जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के एक प्रतिनिधिमंडल को शनिवार को बताया कि राज्य को संवैधानिक प्रावधानों में किसी भी बदलाव के बारे में कोई जानकारी नहीं है और यह आश्वासन दिया कि अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती विशुद्ध रूप से सुरक्षा कारणों से उठाया गया कदम है।
राजभवन की ओर से यहां जारी एक बयान में कहा गया है कि राज्यपाल ने पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल को बताया कि सुरक्षा स्थिति इस तरह से पैदा हुई है जिस पर तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता थी। राज्यपाल ने प्रतिनिधिमंडल को बताया, ‘‘अमरनाथ यात्रा पर आतंकवादी हमलों के संबंध में सुरक्षा एजेंसियों को विश्वसनीय जानकारी मिली थी। नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी बढ़ा दी गई जिसका सेना ने प्रभावी ढंग से जवाब दिया गया।’’ उन्होंने कहा कि सेना के कोर कमांडर और राज्य पुलिस द्वारा एक संवाददाता सम्मेलन की गई थी जिसमें उन्होंने बताया कि आतंकवादियों के नापाक मंसूबे को कैसे नाकाम किया गया और साथ ही उन्होंने बरामद किए गए हथियार एवं गोला-बारूद भी दिखाए।
जम्मू कश्मीर के राज्यपाल ने कहा है कि संवैधानिक प्रावधानों में किसी तरह के बदलाव के बारे में राज्य को कोई जानकारी नहीं है और इसलिए सैनिकों की तैनाती के इस सुरक्षा मामलों को अन्य सभी प्रकार के मामलों के साथ जोड़ कर बेवजह भय नहीं पैदा किया जाना चाहिए। (इनपुट-भाषा)
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