नई दिल्ली। कोयला संकट पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। सिसोदिया ने कहाकि संकट को देखकर आंखे बंद करना खतरनाक है। केंद्रीय बिजली मंत्री ने कहा कि कोयला संकट की कोई संभावना नहीं है। अफसोस की बात है कि उन्होंने ऐसा गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाया है। सिसोदिया ने आगे कहा कि ऑक्सीजन संकट पर भी केंद्र ने यही कहा था। ये संकट सिर्फ कोयले का नहीं है, इसमें बिजली, उद्योग, IT सेक्टर में संकट होगा। समय रहते केंद्र सरकार हल निकाले। केंद्र राज्यों को झूठा साबित करने में जुटा है। केंद्रीय मंत्री का बयान गैर-जिम्मेदाराना है, कई राज्यों के सीएम ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी है। कई पावर प्लांट में कोयले की किल्लत है।
'कोयला संकट पर आंख मूंद लेने की केंद्र की नीति घातक साबित हो सकती है'
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि पूरे देश में कोयले की कमी है लेकिन केंद्र सरकार कह रही है कि कोयले की कोई कमी नहीं है। बिजली घरों से हमें कोयले की कमी की सूचना मिल रही है। अगर केंद्र सरकार ने कोयला संकट को हल नहीं किया तो देश के सामने बहुत बड़ा संकट पैदा हो जाएगा। भाजपा नीत केंद्र सरकार कोयला संकट से “भागने के लिए” बहाने बना रही है। वे देश को चला पाने में असमर्थ हैं। कोयला संकट पर सिसोदिया ने कहा कि केंद्र ने यही चीज तब भी की थी, जब देश ऑक्सीजन संकट से जूझ रहा था। वे कभी नहीं मानेंगे कि कोई समस्या है। कोयला संकट पर आंख मूंद लेने की केंद्र की नीति घातक साबित हो सकती है।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने की बैठक
कोयला संकट के दावों को ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने खारिज कर दिया है। डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों और ऊर्जा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे पास कोयले का पर्याप्त स्टॉक है। उन्होंने किसी भी तरह के बिजली संकट से इनकार किया है। देश के कई राज्यों में कोयले की कमी के चलते गहराते बिजली संकट के मद्देनजर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने रविवार को पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में कोयले की कमी से निपटने के लिए इंतजामों पर चर्चा की गई। वहीं इस बैठक के बाद आरके सिंह ने कहा कि हमारे पास आज के दिन में कोयले का चार दिन से ज़्यादा का औसतन स्टॉक है, हमारे पास प्रतिदिन स्टॉक आता है। कल जितनी खपत हुई, उतना कोयले का स्टॉक आया। उन्होंने कहा कि पहले की तरह कोयले का 17 दिन का स्टॉक नहीं है लेकिन 4 दिन का स्टॉक है। कोयले की ये स्थिति इसलिए है क्योंकि हमारी मांग बढ़ी है और हमने आयात कम किया है। हमें कोयले की अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ानी है हम इसके लिए कार्रवाई कर रहे हैं।
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