गुजरात: CM विजय रूपाणी को रैली में मंच पर आया चक्कर, गिरने से पहले ही सुरक्षाकर्मियों ने संभाला
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को रविवार को वड़ोदरा के निजामपुरा इलाके में आगामी निकाय चुनाव के लिए एक रैली को संबोधित करते समय मंच पर चक्कर आ गया।
वड़ोदरा: गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को रविवार को वड़ोदरा के निजामपुरा इलाके में आगामी निकाय चुनाव के लिए एक रैली को संबोधित करते समय मंच पर चक्कर आ गया। यह जानकारी भाजपा नेताओं ने दी। रूपाणी को मंच पर प्राथमिक उपचार दिया गया। बाद में वह खुद ही मंच की सीढ़ियों से उतरते दिखे। यह रूपाणी की वड़ोदरा में दिन के दौरान तीसरी राजनीतिक रैली थी।
भाजपा नेता भरत डांगर ने एक समाचार चैनल से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री को जनसभा को संबोधित करने के दौरान चक्कर आ गया। जब वह गिर रहे थे तब उनके सुरक्षा गार्डों ने उन्हें पकड़ लिया। उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया।’’ उन्होंने कहा कि रूपाणी को अहमदाबाद के एक अस्पताल ले जाया जाएगा।
डांगर ने कहा, ‘‘रूपाणी का स्वास्थ्य पिछले दो दिन से ठीक नहीं था, लेकिन शनिवार को जामनगर में और रविवार को वड़ोदरा में आयोजित अपनी जनसभाओं को रद्द करने की बजाय उन्होंने जनसभाएं करने का निर्णय किया।’’ वड़ोदरा सहित छह नगर निगमों के चुनाव 21 फरवरी को होंगे जबकि नगर पालिकाओं, जिला और तालुका पंचायतों के चुनाव 28 फरवरी को होंगे।
भाजपा ने भरूच में 31 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया
भाजपा ने गुजरात में 28 फरवरी को स्थानीय निकायों के चुनाव के लिए भरूच जिले में 31 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है। जिला भाजपा प्रमुख मारुतिसिंह अतोदरिया के मुताबिक पार्टी ने पहली बार जिला में मुस्लिम समुदाय से इतने उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है।
हालांकि, उन्होंने इससे इनकार किया कि प्रतिद्वंद्वी भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) और असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए- इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के बीच गठजोड़ के कारण यह फैसला किया गया।
अच्छी खासी मुस्लिम आबादी वाले भरूच जिले में जिला पंचायत, नौ तालुका पंचायत और चार नगरपालिका के लिए चुनाव होंगे। अतोदरिया ने कहा, ‘‘भाजपा संसदीय बोर्ड द्वारा जिले के लिए बुधवार को घोषित कुल 320 उम्मीदवारों में 31 मुसलमान हैं।’’
उन्होंने कहा चुनाव प्राधिकारों द्वारा नामांकन खारिज किए जाने पर कुछ उम्मीदवार बदले जा सकते हैं। भरूच जिला पंचायत में 34 सीटें हैं और इस पर कांग्रेस और झाघडिया से विधायक छोटू वसावा की बीटीपी का नियंत्रण है।
हाल में वसावा ने एआईएमआईएम के साथ चुनावी गठजोड़ करने की घोषणा की थी और पिछले सप्ताह ओवैसी के साथ संयुक्त तौर पर एक रैली की। हालांकि, अतोदरिया ने इनकार किया कि प्रतिद्वंद्वी गठबंधन की वजह से भगवा पार्टी ने ज्यादा मुस्लिम उम्मीद उतारे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने किसी को महज अल्पसंख्यक समुदाय से होने के कारण नहीं चुना है। वे योग्यता के आधार पर चुने गए हैं। मसलन वालिया सीट से हमने एक मुस्लिम भाजपा कार्यकर्ता को चुना है, जहां हिंदुओं की आबादी ज्यादा है।’’ उन्होंने दावा किया कि मुस्लिमों के बीच भाजपा की स्वीकार्यता बढ़ी है और समुदाय के कई लोग भाजपा में शामिल हुए हैं।