भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के विजय दिवस के अवसर पर यहां स्थित शौर्य स्मारक में अमर शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए सोमवार को कहा कि भारत न पहले कमजोर था और न ही आज कमजोर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवसर पर हम सबको यह याद रखना चाहिये कि सभी नागरिकों का, चाहे वे किसी भी मजहब, जाति अथवा पंथ को मानने वाले हों, यह कर्तत्व है कि वे राष्ट्र की एकता और अखंडता को मजबूत बनायें तथा अपने शहीदों का गुणगान करें।
उन्होंने नागरिकों का आह्वान किया कि हम सब भारत के विकास, खुशहाली और अमन-चैन के लिये मिलकर प्रयास करें। उन्होंने कहा कि 1971 में हताश पाकिस्तानी सेना आत्म-समर्पण करने के लिये मजबूर हुई और इसी के साथ पूर्वी पाकिस्तान नए ‘‘बांग्लादेश’’ के रुप में स्थापित हुआ। इसी जीत को हम आज विजय दिवस के रुप में मनाते हैं। उन्होंने कहा कि यह युद्ध तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सशक्त नेतृत्व और अद्वितीय राष्ट्रवाद की अद्भुत मिसाल होने के साथ भारतीय जांबाज सैनिकों के अदम्य शौर्य का भी प्रतीक है।
इस युद्ध में पाकिस्तान के 93,000 सैनिक घुटने टेकने पर मजबूर हुए थे और उन्हें आत्म-समर्पण करना पड़ा था। सीएम कमलनाथ ने कहा कि 1971 की इस जीत ने भारत को एक अंतरराष्ट्रीय शक्ति के रूप में स्थापित किया। इससे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को पूरे विश्व में दृढ़ता के साथ निर्णय लेने वाली "आयरन लेडी" के रूप में पहचान मिली। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 1971 के युद्ध के सैन्य अधिकारियों और जवानों को प्रतीक चिह्न और शॉल प्रदान कर सम्मानित किया।
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