CJI प्रमुख दीपक मिश्रा ने न्यायमूर्ति रंजन गोगोई को देश का नया प्रधान न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई को देश का नया प्रधान न्यायाधीश नियुक्त करने की मंगलवार को केन्द्र से सिफारिश की।
नयी दिल्ली: प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई को देश का नया प्रधान न्यायाधीश नियुक्त करने की मंगलवार को केन्द्र से सिफारिश की। वर्तमान प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा दो अक्तूबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। देश के 46वें प्रधान न्यायाधीश को तीन अक्तूबर को शपथ दिलायी जायेगी। प्रधान न्यायाधीश मिश्रा ने कानून एवं न्याय मंत्रालय को लिखे पत्र में अगले प्रधान न्यायाधीश के लिए वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति गोगोई के नाम की सिफारिश की है। उच्च पदस्थ सूत्रों ने एक सितम्बर को इस बात की पुष्टि की थी कि न्यायमूर्ति मिश्रा ने परंपरा का पालन करते हुए अगले प्रधान न्यायाधीश के लिए न्यायमूर्ति गोगोई के नाम की सिफारिश करने का निर्णय किया है जो उनके बाद वरिष्ठतम न्यायाधीश हैं। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने हाल में न्यायमूर्ति मिश्रा से अगले प्रधान न्यायाधीश के लिए नाम की सिफारिश करने का आग्रह किया था। इसके साथ ही देश के अगले प्रधान न्यायाधीश की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। (केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, आप विधायकों को जेल भेजने के लिए दिल्ली पुलिस की बैठक शर्मनाक )
न्यायमूर्ति गोगोई की अगले प्रधान न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति को लेकर अटकलें तब शुरू हो गई थीं जब न्यायमूर्ति गोगोई सहित उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों ने इस वर्ष जनवरी में एक संवाददाता सम्मेलन किया था। इस संवाददाता सम्मेलन में न्यायाधीशों ने विभिन्न मुद्दों को लेकर प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति मिश्रा की आलोचना की थी। चारों न्यायाधीशों ने विशेष तौर पर कुछ पीठों को मामलों के आवंटन का मुद्दा उठाया था। संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने वालों में न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर भी शामिल थे। उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति से संबंधित प्रतिवेदन (एमओपी) के अनुसार ‘‘भारत के प्रधान न्यायाधीश के पद पर उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश की नियुक्ति होनी चाहिए जिसे उस पद के लिए उचित माना जाए।’’
इस प्रक्रिया के तहत सीजेआई से सिफारिश प्राप्त होने के बाद कानून मंत्री उसे प्रधानमंत्री के समक्ष रखते हैं जो इस मामले में राष्ट्रपति को सलाह देते हैं। दस्तावेज में उल्लेख है, ‘‘भारत के प्रधान न्यायाधीश का पद संभालने के लिए वरिष्ठतम न्यायाधीश की फिटनेस को लेकर यदि कोई संदेह हो तो भारत के अगले प्रधान न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए अन्य न्यायाधीशों के साथ सलाह मशविरा किया जाएगा।’’ कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने हाल में कहा था कि अगले प्रधान न्यायाधीश की नियुक्ति को लेकर सरकार के इरादे पर सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि परंपरा के तहत वर्तमान प्रधान न्यायाधीश द्वारा अगले प्रधान न्यायाधीश के लिए नाम सुझाने पर कार्यपालिका निर्णय लेगी।