नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन विधेयक पर असम के भाजपा नेता और वित्तमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने कहा कि इस बिल से असम पर प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा, धार्मिक आधार पर प्रताड़ना झेल चुके शरणार्थियों को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा असम समझौते के खंड छह को लागू करने के वादे से असम में राजनीतिक स्थिरता की नई उम्मीद पैदा होगी।
बता दें कि सड़क से लेकर संसद तक विपक्षी दल इस बिल का लगातार विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस बिल को लेकर एक ट्वीट किया जिसके जवाब में असम के मंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने कहा कि कृपया इस मुद्दे पर राजनीति न करें।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया था कि 'नागरिकता संशोधन बिल मोदी-शाह सरकार द्वारा नॉर्थ ईस्ट की सांस्कृतिक विरासत को खत्म करने का प्रयास है। यह बिल उत्तर पूर्व के लोगों के जीवन के तरीके और भारत के विचार पर एक आपराधिक हमला है। मैं पूर्वोत्तर के लोगों और उनकी सेवा में हूं।'
जिसके जवाब में हिमंत बिस्वा शर्मा ने कहा कि 'राहुल जी क्या आप जानते हैं कि कांग्रेस शासन के दौरान असम के स्वदेशी समुदाय अल्पसंख्यक हो गए हैं। असम में बांग्लादेशी मुसलमानों की आबादी 36% है। वे असमिया भाषा नहीं बोलते हैं और 45 विधानसभा सीटों को प्रभावित करते हैं। क्या यह भी एक तरह से सांस्कृतिक रूप से सफाई नहीं है?'
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