CAB 2019: लोगों ने किया कर्फ्यू का उल्लंघन, तस्वीरों में देखिए असम का हाल
असम के दस जिलों में इंटरनेट सेवाओं पर लगाई गई रोक की अवधि को बृहस्पतिवार की दोपहर 12 बजे से 48 घंटे के लिए और बढ़ा दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि सोशल मीडिया का ‘‘दुरुपयोग’’ रोकने और कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने के वास्ते इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाई गई थी।
गुवाहाटी। असम में विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज होने के बीच बड़ी संख्या में लोगों ने बृहस्पतिवार को गुवाहाटी में कर्फ्यू का उल्लंघन किया, जिसके बाद पुलिस को गोलियां चलानी पड़ीं। पुलिस ने बताया कि लालुंग गांव में उन्हें गोलियां भी चलानी पड़ीं क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने उन पर पथराव किया। प्रदर्शनकारियों का दावा है कि इस घटना में चार लोग घायल हो गए।
असम के दस जिलों में इंटरनेट सेवाओं पर लगाई गई रोक की अवधि को बृहस्पतिवार की दोपहर 12 बजे से 48 घंटे के लिए और बढ़ा दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि सोशल मीडिया का ‘‘दुरुपयोग’’ रोकने और कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने के वास्ते इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाई गई थी।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह और राजनीतिक विभाग) संजय कृष्णा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि लखीमपुर, धेमाजी, तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, चराइदेव, शिवसागर, जोरहाट, गोलाघाट, कामरूप (मेट्रो) और कामरूप में इंटरनेट सेवाएं बाधित रहेंगी। नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बीच बुधवार की शाम सात बजे इंटरनेट सेवाएं स्थगित कर दी गई थीं।
स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने राज्य पुलिस रैंक में कुछ बदलाव किये हैं। गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त दीपक कुमार को हटा दिया गया है और उनके स्थान पर मुन्ना प्रसाद गुप्ता को नियुक्त किया गया है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) मुकेश अग्रवाल का स्थानांतरण एडीजीपी (सीआईडी) के रूप में किया गया और जी पी सिंह को उनका प्रभार दिया गया है।
पुलिस को गुवाहाटी-शिलांग रोड सहित अन्य इलाकों में भी गोलियां चलानी पड़ी। ये क्षेत्र युद्ध क्षेत्र में तब्दील हो चुके हैं क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने दुकानों और इमारतों में तोड़फोड़ करने के साथ ही सड़कों पर टायर जलाए। प्रदर्शकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प भी हुई है। छात्र संगठन आसू और किसान संगठन केएमएसएस ने लताशील मैदान में लोगों को जुटने का आह्वान किया था। इसमें सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया। प्रतिबंध के बावजूद भी इस रैली में फिल्म और संगीत क्षेत्र की कई हस्तियों ने हिस्सा लिया। कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ जुबीन गर्ग भी सभा में शामिल हुए।
आसू के सलाहकार समुज्जल भट्टाचार्य ने इस सभा में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस विधेयक का पारित होना सुनिश्चित कराके असम के लोगों के साथ धोखा किया है।’’ आसू और नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन (एनईएसओ) के नेताओं ने कहा कि वह हर साल 12 दिसंबर को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाएंगे।
एक अधिकारी ने बताया कि डिब्रूगढ़ के चाबुआ में स्थानीय विधायक विनोद हजारिका के आवास को जला दिया गया। इमारत में खड़े वाहनों को प्रदर्शनकारियों ने जला दिया। कामरूप जिले में कार्यालय, स्कूल और कॉलेज पूरी तरह से बंद रहे। यहां दुकानें बंद हैं और राष्ट्रीय राजमार्ग 31 सहित विभिन्न मार्गों पर सड़कों से गाड़ियां नदारद हैं क्योंकि इसे बंद किया जा रहा है।
पुलिस ने बताया कि उन्हें रंगिया शहर में तीन गोलियां चलानी पड़ी क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने उन पर पत्थर और जले हुए टायर फेंके। शहर के कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज भी हुआ। इस बीच गुवाहाटी में प्रदर्शनकारियों ने जीएस रोड पर असम के पुलिस प्रमुख भाष्कर ज्योति महंत के काफिले पर पथराव किया। उपायुक्त रोशनी कोरती ने बताया कि जोरहाट जिले में रात में हिंसा की घटनाओं को रोकने के वास्ते शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लगाया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस को गोलाघाट जिले में भी हवा में गोलियां चलानी पड़ी क्योंकि प्रदर्शकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 39 बंद कर रखा था और पुलिस उन्हें तितर-बितर करने का प्रयास कर रही थी। लखीमपुर और चराईदेव जिलों के चाय बागानों में श्रमिकों ने काम करना बंद कर दिया है। इसके अलावा गोलाघाट के नुमालीगढ़ और तिनसुकिया जिलों के कुछ इलाकों में भी श्रमिकों ने काम करना बंद कर दिया है। राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थान बंद हैं।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य के विभिन्न इलाकों में सेना की पांच टुकड़ियां तैनात हैं और वे गुवाहाटी, तिनसुकिया, जोरहाट और डिब्रूगढ़ में फ्लैग मार्च कर रही हैं। उन्होंने बताया कि असम से आने-जाने वाली कई ट्रेनें और उड़ानें स्थगित कर दी गई हैं। उन्होंने बताया कि कर्फ्यू के कारण गुवाहाटी में हवाई अड्डे पर कई यात्री फंसे हुए हैं। मुख्य शहर से लगभग 30 किलोमीटर दूर बोरझार में लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के भीतर और बाहर छात्रों, पेशेवरों, बुजुर्गों और युवतियों को फंसे हुए देखा गया।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा कि सड़क परिवहन व्यवस्था ठप होने के कारण डिब्रूगढ़ हवाई अड्डे पर यात्रियों की आवाजाही भी प्रभावित रही। मंत्रालय ने कई ट्वीट करके कहा कि फंसे हुए यात्रियों को चरणबद्ध तरीके से बाहर निकाला जा रहा है।
नागरिकता (संशोधन) विधेयक बुधवार को राज्यसभा में पारित हो गया। इससे पहले यह विधेयक सोमवार को लोकसभा में पारित हो चुका है। इसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए गैर मुस्लिम शरणार्थी - हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है।