किश्चियन मिशेल 1986 से श्रीमती गांधी को जानता था : प्रवर्तन निदेशालय
अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदा मामले में बिचौलिया ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चयन मिशेल 1986 से 'श्रीमती गांधी' को जानता था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपने चौथे पूरक आरोप-पत्र में यह बात कही है।
नई दिल्ली: अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदा मामले में बिचौलिया ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चयन मिशेल 1986 से 'श्रीमती गांधी' को जानता था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपने चौथे पूरक आरोप-पत्र में यह बात कही है। सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि गुरुवार को शहर की एक अदालत में पेश किए गए आरोप-पत्र में 'श्रीमती गांधी' के अलावा अन्य कांग्रेसी नेताओं के नाम का भी जिक्र है। इन नामों का उल्लेख हालांकि आरोपियों की तरह नहीं है। यह स्पष्ट नहीं है कि 'श्रीमति गांधी' कौन है और किस संदर्भ में उनके नाम का उल्लेख किया गया है।
आरोप-पत्र में मिशेल द्वारा फरवरी 2008 से अक्टूबर 2009 तक एक सिलसिलेवार 'डिस्पैच (संदेशों)' का वर्णन है, जिसमें से 15 मार्च, 2008 के एक डिस्पैच में 'श्रीमति गांधी' का उल्लेख वी.आई.पी. को एमआई-8 में अब उड़ान नहीं भरने के बारे में सूचित करने की प्रेरक शक्ति के तौर पर किया गया है।
ईडी ने इन 'डिस्पैच' को जे.बी. सुब्रह्मण्यम के पास से मिले हार्ड डिस्क से जब्त किया, जोकि मिशेल का कर्मचारी था और उसके कई अवैध कार्यो को चलाता था। यह पता चला है कि 'डिस्पैच' की सामग्री को सही करने के बारे में मिशेल और सुब्रह्मण्यम दोनों ने स्वीकार किया है।
आरोप-पत्र के अनुसार, "मिशेल ने हालांकि कुछ 'डिस्पैच' के संदर्भ में चयनात्मक रूप से भूल जाने के बारे में बताया है, जबकि उसने यह स्वीकार किया है कि वह 1986/87 से श्रीमति गांधी को जानता है और पार्टी के उन सदस्यों की पहचान को उजागर किया है, जिन्होंने प्रधानमंत्री पर दबाव डाला।"
मिशेल ने ईडी को बताया कि उसके पिता भी कई रक्षा सौदों में एक बिचौलिये थे और उन्होंने अपने हाथ में यह काम तब लिया, जब उनके पिता को भारत ने 1986-87 में वीजा देने से इनकार कर दिया। 1 अक्टूबर, 2009 के 'डिस्पैच' के अनुसार, "सप्ताह की शुरुआत में बैठक इटली की महिला के बेटे के संदर्भ में हुई। एक जेंटलमैन ने पुष्टि करते हुए कहा कि उनका बेटा अगला प्रधानमंत्री होगा, क्योंकि पार्टी में उसकी ताकत लगातार बढ़ती जा रही है।"
इन 'डिस्पैच' से खुलासा होता है कि मिशेल को गोपनीय सूचना की जानकारी थी, जिसका इस्तेमाल सौदे को प्रभावित करने के लिए किया गया। ईडी ने इसके साथ ही आरोप लगाया कि इस वजह से अगस्ता को सौदा करने में मदद मिली।
2003 की शुरुआत में, अगस्ता को मनपसंद ऑर्डर नहीं मिला था, क्योंकि वह संचालन जरूरतों को पूरा नहीं कर सका था, लेकिन बाद में इन्होंने कांट्रैक्ट पाने के लिए गुइडो हास्के और मिशेल की मदद ली।
मिशेल वायुसेना के अधिकारी, नौकरशाहों, मंत्रियों, शीर्ष राजनेताओं के संपर्क में था और वह इन संपर्को का इस्तेमाल सौदा करवाने में करता था। पता चला है कि रिश्वत मिशेल, हास्के की कंपनियों और अगस्ता वेस्टलैंड के बीच विभिन्न समझौतों के तहत अलग-अलग भुगतान किया गया।
एजेंसी ने अपने आरोप-पत्र में यह भी कहा है कि सत्तारूढ़ पार्टी के महत्वपूर्ण राजनीतिक व्यक्ति, मीडियाकर्मी, रक्षा अधिकारी और नौकरशाहों को सीधे या बिचौलिये के जरिए सात करोड़ यूरो की रिश्वत दी गई। आरोप-पत्र में मिशेल के साथी डेविड सेम्स और उसकी कंपनी ग्लोबल सर्विस लिमिटेड और ग्लोबल ट्रेडिंग लिमिटेड का आरोपी के रूप में नाम है। मिशेल ने इन कंपनियों का इस्तेमाल पैसे प्राप्त करने के लिए किया था।