नई दिल्ली: लद्दाख की गलवान घाटी में अधिकतर तनाव वाली जगहों से पीछे हटने के बावजूद चीन के सैनिक अभी भी पैंगोंग त्सो के पास फिंगर-5 से पीछे नहीं हट रहे हैं और वहां पर अभी बने हुए हैं। यानि फिंगर 5 पर अभी भी सैनिकआमने सामने हैं। लेकिन भारत और चीन के बीच कमांडर स्तर की बातचीत लगातार हो रही है और बातचीत के दौरान चीन पेट्रोलिंग प्वाइंट 14, पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 और पेट्रोलिंग प्वाइंट 17 से पीछे हटने के लिए राजी हो गया है।
अधिकतर तनाव वाली जगहो से चीन के सैनिक पीछे हट चुके हैं लेकिन पैंगोंग त्सो और डेपसांग में अभी भी सैनिक आमने सामने हैं। मंगलवार और बुधवार को भारत और चीन के बीच कमांडर स्तर की बातचीत हुई थी और यह बात लगभग 15 घंटे तक चली थी।
सरकार के सूत्रों ने बताया कि लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की चौथे चरण की वार्ता एलएसी पर भारत की तरफ चुशुल में हुई। बातचीत में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व दक्षिण शिनजियांग सैन्य क्षेत्र के प्रतिनिधि मेजर जनरल लियु लिन ने किया। इस उच्च स्तरीय बैठक में ध्यान पेंगोंग त्सो और डेपसांग में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया के दूसरे चरण को शुरू करने के साथ ही समयबद्ध तरीके से पीछे के अड्डों से बलों एवं हथियारों को हटाने पर दिया गया।
दोनों देशों के बीच पहले ही लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की तीन चरण की वार्ता हो चुकी है और अंतिम वार्ता 30 जून को हुई थी जब दोनों पक्ष गतिरोध को समाप्त करने के लिए “शीघ्र, चरणबद्ध और कदम दर कदम” तरीके से तनाव कम करने को “प्राथमिकता” देने पर सहमत हुए थे।
Latest India News