नई दिल्ली: लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चीन के सैनिक पत्थर और कंटीली तार लेकर आए थे और अचानक भारतीय सैनिकों पर हमला बोल दिया। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले एक महीने से ज्यादा वक्त से चल रहे गतिरोध को लेकर दोनों देशों के बीच सेना और डिप्लेमैटिक स्तर पर भी बातचीत चल रही थी। सेना के कमांडर लेवल के अधिकारियों के बीच भी वार्ता हुई थी और चीन के सैनिकों का पीछे हटना भी शुरू हुआ था।
लेकिन सोमवार की रात अचानक चीनी सैनिक पत्थर और कंटीली तार लेकर आए और भारतीय सैनिकों पर हमला बोल दिया। चीन की सीमा पर लगभग 45 साल बाद, भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों की इस तरह शहादत की पहली घटना है। सेना ने कहा कि हिंसक टकराव के दौरान एक अधिकारी व दो जवान शहीद हुए जबकि चीन को भी नुकसान हुआ है।
सेना ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, ''गलवान घाटी में तनाव कम करने की प्रक्रिया के दौरान सोमवार रात हिंसक टकराव हो गया। इस दौरान भारतीय सेना का एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए।'' बताया जा रहा है कि हिंसक टकराव के दौरान शहीद हुआ अधिकारी गलवान में एक बटालियन का कमांडिंग अफसर था। बताया जा रहा है तीनों सैनिक चीन की ओर से किए गए पथराव में घायल हुए जिसके बाद उनका निधन हो गया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत और तीन सेनाओं के प्रमुखों के साथ पूर्वी लद्दाख में वर्तमान स्थिति की समीक्षा की। बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद थे। सूत्रों ने कहा कि सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे का दिल्ली के बाहर एक बेस का दौरा रद्द कर दिया गया है। गौरतलब है कि बीते पांच हफ्तों से गलवान घाटी समेत पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में बड़ी संख्या में भारतीय और चीनी सैनिक आमने-सामने थे। यह घटना भारतीय सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे के उस बयान के कुछ दिन बाद हुई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि दोनों देशों के सैनिक गलवान घाटी से पीछे हट रहे हैं। (इनपुट-भाषा)
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