नई दिल्ली। चीन की चालबाजी और धोखाधड़ी की वजह से लद्दाख सीमा पर 7 सितंबर के दिन गोली चली है और 45 वर्ष में ऐसा पहली बार हुआ है कि भारत और चीन के बीच सीमा के ऊपर गोली चली हुई हो। 14 जून को लद्दाख में LAC पर जब भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, उस समय भी गोली नहीं चलाई गई थी। लेकिन 7 सितंबर की रात को चीन के सैनिकों ने समझौते का उलंघन करते हुए भारतीय पोस्ट की तरफ बढ़ने का प्रयास किया, लेकिन जब भारतीय सैनिकों ने उन्हें रोका तो चीन की पीपुल्स लिबरेशन ऑर्मी (PLA) के सैनिकों ने हवाई फायर कर दिए।
LAC पर भारत हमेशा से शांति बनाए रखने का प्रयास करता रहा है जिस वजह से भारत की तरफ से 45 वर्षों में कभी भी चीनी सैनिकों के ऊपर गोली नहीं चलाई गई है। इस परंपरा को भारत ने 7 सितंबर की रात को भी नहीं तोड़ा, लेकिन चीन के सैनिकों ने इस परंपरा को तोड़ते हुए गोली चला दी।
7 सितंबर से पहले भारत और चीन की सीमा पर 1975 में अरुणाचल प्रदेश में अंतिम गोली चली थी। इसके बाद अगर सीमा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच अगर कोई तनाव हुआ भी तो उसमें दोनो तरफ के सैनिक लात घूंसों से लड़ते थे और एक दूसरे के वीडियो बनाते थे ताकि सबूत रखा जा सके। कई बार भारत और चीन के सैनिकों के बीच लात-घूसों से हुई झड़प के वीडियो समाचार चैनलों पर चल चुके हैं। यह परंपरा 45 वर्ष से चली आ रही थी लेकिन चीन विस्तारवादी नजरिए की वजह से यह परंपरा 7 सितंबर की रात को टूट गई।
7 सितंबर की रात गोली चलाने का आरोप जब भारतीय सैनिकों पर लगाया तो भारतीय सेना की तरफ से जवाब दिया गया कि चीन के सैनिक भारतीय पोस्ट की तरफ बढ़ रहे थे और उन्हें जब भारतीय सैनिकों ने रोका तो चीन के सैनिकों ने हवा में कुछ राउंड गोली चलाए। भारतीय सेना की तरफ से कहा गया कि चीनी सैनिकों की गोलीबारी के बावजूद भारत के सैनिकों ने संयम बरता और जिम्मेदाराना व्यव्हार का परिचय दिया।
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