मुंबई (महाराष्ट्र): पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा कि चीन का वैश्विक शक्ति के रूप में उभरना एक ‘‘वास्तविकता’’ है और भारत को इस देश से ‘‘अलग मन: स्थिति और मजबूत संकल्प’’ के साथ निपटना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत हंबनटोटा बंदरगाह मामले की तरह आत्मसंतोष नहीं कर सकता है जिसे श्रीलंका ने चीन को पट्टे पर दे दिया है।
जयशंकर ने कहा कि यह पाकिस्तान है जिसने यह बात कहीं है कि कश्मीर विवाद दोनो देशों के बीच ‘‘मुख्य मुद्दा’’ है। पूर्व विदेश सचिव ने राय दी कि कश्मीर मुद्दे का समाधान भारत और पाकिस्तान के बीच सभी समस्याओं को संभवत: नहीं सुलझा सकता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के शहरों में खुलेआम आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन किया जाता है और इस देश को इस तरह की गतिविधियों को रोकना चाहिए।
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