पीएम मोदी के अरुणाचल दौरे पर चीन ने जताया ऐतराज, भारत ने बताया अपना अभिन्न हिस्सा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अरुणाचल प्रदेश यात्रा पर चीन के ऐतराज करने पर भारत ने शनिवार को कहा कि यह राज्य उसका अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है।
नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अरुणाचल प्रदेश यात्रा पर चीन के ऐतराज करने पर भारत ने शनिवार को कहा कि यह राज्य उसका अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत चीन को कई मौके पर इस मुद्दे पर अपने इस ‘सतत रुख’ से अवगत करा चुका है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न एवं अविभाज्य हिस्सा है। समय समय पर भारतीय नेता उसी तरह अरुणाचल प्रदेश जाते रहते हैं जिस तरह वे देश के अन्य हिस्सों में जाते हैं। कई मौकों पर चीनी पक्ष को इस सतत रुख से अवगत कराया जा चुका है। ’’
मोदी ने शनिवार को अरुणाचल प्रदेश की यात्रा की जिस दौरान उन्होंने 4000 करोड़ रूपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन किया एवं आधारशिला रखी। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार इस संवेदनशील राज्य में सम्पर्क सुधारने को बड़ा महत्व देती है। पीएम मोदी की इस यात्रा के बारे में पूछे जाने पर चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, ‘‘चीन-भारत सीमा के प्रश्न पर चीन का रुख सतत और स्पष्ट है। चीन सरकार ने तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को कभी मान्यता नहीं दी और वह चीन-भारत सीमा के इस पूर्वी हिस्से में भारतीय नेता की यात्रा के बिल्कुल खिलाफ है।’’
चीन के विदेश मंत्रालय पर डाली गयी उनकी प्रतिक्रिया में वह कहती हैं, ‘‘चीन भारतीय पक्ष से दोनों देशों के साझे हितों को दिमाग में रखने, चीनी पक्ष के हितों और चिंताओं का सम्मान करने, द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की रफ्तार को संजोने, सीमा विवाद या प्रश्न को जटिल करने वाले किसी भी कृत्य से दूर रहने की अपील करता है।’’
चीन दावा करता है कि यह पूर्वोत्तर भारतीय राज्य दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा है। भारत और चीन सीमा विवाद के समाधान के लिए अबतक 21 दौर की बातचीत कर चुके हैं। भारत चीन सीमा विवाद 3488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर है। चीन अपने रुख को जोरशोर से सामने रखने के लिए भारतीय नेताओं की अरुणाचल प्रदेश यात्रा पर नियमित रुप से आपत्ति करता रहता है।
पूर्वोत्तर के दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को तीन राज्यों में रैलियों को संबोधित किया और आश्वासन दिया कि नागरिकता विधेयक इस क्षेत्र के लोगों के हितों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा बल्कि उन लोगों को सहारा देगा जिन्होंने भारत माता के विचार और आदर्श को गले लगाया है। लोकसभा से आठ जनवरी को इस विधेयक के पारित होने के बाद पहली बार पूर्वोत्तर की यात्रा पर आए मोदी ने एक दिन में अरुणाचल प्रदेश, असम और त्रिपुरा दौरा किया तथा कई परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया।
वैसे तो मोदी ने असम और पूर्वोत्तर में इस विधेयक को लेकर लोगों का भय दूर करने का प्रयास किया लेकिन मेघालय में भाजपा की सहयोगी नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने राज्यसभा से इस प्रस्तावित विधेयक के पारित होने पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से बाहर आने की धमकी दी।
एनपीपी अध्यक्ष और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने कहा कि चार राज्यों के पार्टी नेताओं की महासभा में पार्टी ने इस विधेयक का विरोध करने तथा उसके पारित होने पर राजग से नाता तोड़ने का प्रस्ताव पारित किया।