पीएम नरेंद्र मोदी के 'विस्तारवादी' शब्द से तिलमिलाया चीन, बताया इसे आधारहीन आरोप
लेह में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि विस्तारवादी ताकतें या तो हार गई हैं या उन्हें पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा है। पीएम नरेंद्र मोदी के इस टिप्पणी से चीन तिलमिला गया है।
लेह. चीन के साथ LAC पर जारी तनाव के बीच पीएम नरेंद्र मोदी शुक्रवार को लेह पहुंचे। लेह में पीएम नरेंद्र मोदी ने जवानों से मुलाकात की। इस दौरान वीर जवानों को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब विस्तारवाद का युग खत्म हो गया है। यह विकास का युग है। पीएम नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि चीन का नाम लिए बिना कहा कि इतिहास गवाह रहा है कि विस्तारवादी ताकतें या तो हार गई हैं या उन्हें पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा है। पीएम नरेंद्र मोदी के इस टिप्पणी से चीन तिलमिला गया है। भारत में चीनी दूतावास के प्रवक्ता Ji Rong ने पीएम मोदी की इस टिप्पणी को आधारहीन बताया है। Ji Rong ने आगे कहा कि चीन को विस्तारवादी के रूप में देखना सही नहीं है।
आपको बता दें कि लद्दाख क्षेत्र में जाकर पीएम मोदी द्वारा चीन को दिया गया यह सख्त संदेश बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून की रात भारत व चीनी सेनाओं की बीच हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों में सीमा को लेकर तनाव बना हुआ है। इस झड़प में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद दोनों पक्षों में गतिरोध अभी तक खत्म नहीं हो सका है।
भारत द्वारा लद्दाख क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को विकसित करने को लेकर चीन चिंतित है। पीएम मोदी ने शुक्रवार को संकेत दिया कि भारत इस मुद्दे की दोबारा समीक्षा करने को राजी नहीं है। मोदी ने कहा, "हमने सीमा क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास पर तीन गुना खर्च बढ़ाया है।"
पीएम मोदी ने गलवान घाटी झड़प में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। उन्होंने यह संदेश भी दिया कि भारत के संयम को अन्यथा नहीं देखा जाना चाहिए। मोदी ने कहा, "हम वो लोग हैं, जो बांसुरी बजाने वाले भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं, लेकिन हम वो लोग भी हैं जो भगवान कृष्ण को मानते हैं, जिन्होंने सुदर्शन चक्र धारण किया था।"
पीएम मोदी ने लद्दाख क्षेत्र में भारत के सशस्त्र बलों को संबोधित करते हुए कहा कि गलवान के बफीर्ले पानी से लेकर हर पर्वत शिखर तक, सभी भारतीय सैनिकों की वीरता के गवाह हैं। उन्होंने 14 कोर की बहादुरी की प्रशंसा की। सूत्रों ने कहा कि पीएम मोदी शुक्रवार की सुबह लद्दाख पहुंचे और उन्हें नीमू में एक फॉरवर्ड लोकेशन पर सेना, वायु सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस द्वारा क्षेत्र की स्थिति के बारे में सूचित किया गया। समुद्र तल से 11,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित नीमू दुर्गम इलाके में है, जो जांस्कर रेंज से घिरा हुआ है और सिंधु के तट पर है।
प्रधानमंत्री मोदी, सीडीएस बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाने लेह में सैन्य अस्पताल में घायल सैनिकों के साथ बातचीत भी करेंगे, जिससे सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ेगा। इससे पहले पीएम मोदी ने 17 जून को कहा था कि 15 जून की रात गलवान घाटी में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों के खिलाफ लड़ने वाले 20 सैनिकों द्वारा दिया गया बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा
With input from IANS