नई दिल्ली: भारत की ओर से अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर ब्रह्मोस मिसाइल की तैनाती की खबर से चीन घबराया हुआ है। चीन की बौखलाहट का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह इसे उकसावे की कार्रवाई बता रहा है और भारत के इस एक्शन को टकराव का कदम मान रहा है।
ब्रह्मोस की जद में चीन के अहम सैन्य ठिकाने
अरुणाचल सीमा पर ब्रह्मोस सुपर सोनिक मिसाइल की तैनाती से तिब्बत और युन्नान का पूरा इलाका इसकी जद में आ जाएगा। इन इलाकों में चीनी सेना के बड़े कैंट हैं। चुंबी वैली और रीमा कैंप में चीनी सेना के अहम ठिकाने हैं। चीन को सीमावर्ती इलाकों से जोड़ने वाला इस्टर्न हाइवे भी ब्रह्मोस की जद में आ जाएगा। चीन के 11 एडवांस लैंडिंग ग्राउंड भी इसी इलाके में स्थित है। इससे घबराया हुआ चीन अब अपने डिफेंस सिस्टम को और मजबूत करने की बात कर रहा है। हालांकि चीन के पास डोंगफेंस-41 जैसी मिसाइल है जिसकी मारक क्षमता 12 हजार किमी. तक है। यानी पूरा भारत चीन की मिसाइल की जद में है।
अरुणाचल में नई रेजिमेंट को मंजूरी
केंद्र सरकार ने सेना को अरुणाचल में एक नई रेजिमेंट बनाने की अनुमति दे दी है। इस रेजिमेंट में ब्रह्मोस के अपग्रेड वर्जन की 100 मिसाइलें शामिल होंगी। इस रेजिमेंट पर 4300 करोड़ का खर्च आएगा। नई रेजिमेंट बनाने और ब्रह्मोस को तैनात करने में करीब एक साल तक का वक्त लग सकता है।
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