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Hindi News भारत राष्ट्रीय धनुण-बाण के साथ स्कूल चलें हम? जानिए क्या है इसके पीछे की मजबूरी

धनुण-बाण के साथ स्कूल चलें हम? जानिए क्या है इसके पीछे की मजबूरी

झारखंड में नक्सल प्रभावित चाकुलिया इलाके के पोचापानी गांव में बच्चों को स्कूल जाते समय अपनी किताबों के साथ धनुष और बाण साथ में लेकर चलना पड़ता है

 Children's in Jharkhand go to school wit bow and arrow - India TV Hindi  Children's in Jharkhand go to school wit bow and arrow 

नई दिल्ली। देश के आदिवासी बहुल राज्य झारखंड से कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं जिनसे साफ होता है कि आदिवासी इलाकों में नक्सली बच्चों को पढ़ाई तक को रुकवाना चाहते हैं। झारखंड में नक्सल प्रभावित चाकुलिया इलाके के पोचापानी गांव में बच्चों को स्कूल जाते समय अपनी किताबों के साथ धनुष और बाण साथ में लेकर चलना पड़ता है।

 Children's in Jharkhand go to school wit bow and arrow 

स्थानीय लोगों का कहना है कि बच्चे अपनी सुरक्षा के लिए धनुष और बाण साथ लेकर चलते हैं, बच्चों को स्कूल जाते समय ऐसे क्षेत्रों से होकर गुजरना पड़ता है जहां भारी संख्या में नक्सलियों को देखा गया है। कहने को तो नक्सलियों ने जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए हथियार उठा रखे हैं लेकिन हकीकत ये है कि वह आदिवासी इलाकों में बच्चों को शिक्षा से वंचित कर रहे हैं।

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