नई दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने एक भारतीय दंपति के आरोपों को लेकर नॉर्वे में भारत के राजदूत से रिपोर्ट की मांग की है। दंपति ने आरोप लगाया कि दुर्व्यवहार की एक झूठी शिकायत पर नॉर्वे के अधिकारियों ने उनके 5 साल के बेटे को उनसे अलग कर दिया।
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सुषमा ने ट्वीट किया, ‘मैंने नॉर्वे में मौजूद भारतीय राजदूत से रिपोर्ट भेजने को कहा है।’ दंपति द्वारा अपने बच्चे को वापस पाने में मदद की गुहार लगाए जाने के बाद बीजेपी नेता विजय जॉली ने विदेश मंत्री और नॉर्वे में भारत के राजदूत को पत्र लिखा। इसी बीच विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा, ‘ओस्लो में हमारे दूतावास के अधिकारियों ने बच्चे के पिता अनिल कुमार शर्मा से बात की और पूर्ण समर्थन जताया।’ हालांकि शर्मा ने मिशन को सूचित किया कि उन्होंने मामले में अपने प्रतिनिधित्व के लिए एक वकील रखा है।
संपर्क करने पर नॉर्वे के दूतावास के प्रवक्ता ने बताया, ‘दूतावास को शुक्रवार शाम इस मामले की जानकारी मिली। हम लोगों ने नॉर्वे में संबंधित अधिकारियों से अधिक जानकारी मांगी है और उनके जवाब की प्रतीक्षा कर रहे हैं।’ भारतीय राजदूत देवराज प्रधान को लिखे अपने पत्र में जॉली ने आधारहीन और झूठी शिकायत के आधार पर 13 दिसंबर को नॉर्वे के बाल कल्याण विभाग द्वारा बच्चे (आर्यन) को जबरन अपने पास रखने को लेकर चिंता जताई है। शर्मा ओवरसीज फे्रंड्स ऑफ बीजेपी के सदस्य हैं। वर्ष 2011 के बाद यह तीसरा मामला है जब दुर्व्यवहार के आधार पर नार्वे में अधिकारियों ने भारतीय मूल के दंपतियों से उनके बच्चों को अलग कर दिया।
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