नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ में हल्की मशीन गन (एलएमजी) से लैस करीब 400 नक्सलियों के एक समूह ने विशेष अभियान के लिए तैनात सुरक्षा बलों पर घात लगाकर हमला किया, जिसमें 22 जवान शहीद हो गए और 30 अन्य घायल हो गए। नक्सली इस दौरान सुरक्षा बलों के एक दर्जन से अधिक अत्याधुनिक हथियार लूट ले गए। सुरक्षा बलों के करीब 1,500 जवानों की एक टुकड़ी ने बीजापुर-सुकमा जिले की सीमा के आसपास के क्षेत्र में नक्सलियों की मौजूदगी की गुप्त सूचना पर तलाशी और उन्हें नष्ट करने का अभियान शुरू किया था।
इस टुकड़ी में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की विशेष इकाई ‘कोबरा’ के जवान, इसकी नियमित बटालियनों की कुछ टीमें, इसकी बस्तरिया बटालियन की एक इकाई, छत्तीसगढ़ पुलिस से संबद्ध जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और अन्य जवान शामिल थे। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए इस नक्सली हमले में शहीद होने वाले जवानों की सूची-
शहीदों का नमन - दीपक भारद्वाज, उप निरीक्षक
- रमेश कुमार जुर्री, हेड कांस्टेबल
- नारायण सोढी, हेड कांस्टेबल
- रमेश कोरसा, कांस्टेबल
- सुभाष नाइक, कांस्टेबल
- किशोर अंदरिक, सहायक कांस्टेबल
- संकुराम सोढी, सहायक कांस्टेबल
- भोसाराम करतामी, सहायक कांस्टेबल
- श्रवण कश्यप, हेड कांस्टेबल
- रामदास कोर्राम, कांस्टेबल
- जगतराम कंवर, कांस्टेबल
- सुखसिंह फरास, कांस्टेबल
- रामाशंकर पैकरा, कांस्टेबल
- शंकरनाथ, कांस्टेबल
- दिलीप कुमार दास, निरीक्षक
- राजकुमार यादव, हेड कांस्टेबल
- शंभू राय, कांस्टेबल
- धर्मदेव कुमार, कांस्टेबल
- एस एम कृष्णा, कांस्टेबल
- आर जगदीश, कांस्टेबल
- बबलू राधा, कांस्टेबल
- समैया मरावी, कांस्टेबल
अधिकारियों ने बताया कि गुप्त सूचना पर शनिवार तड़के घेराबंदी की गई थी कि नक्सली जगरगुंडा-जोंगागुड़ा-तर्रेम क्षेत्र में अपना आक्रामक अभियान शुरू कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस अभियान के लिए सुरक्षा बलों के जवानों की कुल स्वीकृत संख्या 790 थी और बाकी को सहायक के रूप में साथ लिया गया था।
एक अधिकारी ने कहा कि सबसे वांछित माओवादी कमांडर एवं तथाकथित 'पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) बटालियन नंबर 1 के नेता ‘हिडमा’ और उसकी सहयोगी सुजाता के नेतृत्व में कम से कम 400 नक्सलियों ने उस क्षेत्र में सुरक्षा बलों पर घात लगाकर हमला किया जिसे दुर्गम, घने जंगल और सुरक्षा बलों के शिविरों की कम संख्या के चलते नक्सलियों का गढ़ माना जाता है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नक्सलियों ने सुरक्षाकर्मियों पर घात लगाकर हमला किया और उन्हें तीन तरफ से घेर लिया और उन भारी गोलाबारी की। उन्होंने कहा कि नक्सलियों ने इस हमले में हल्की मशीन गन (एलएमजी) से गोलियों की बौछार की और कम तीव्रता वाले आईईडी का इस्तेमाल किया और यह हमला कई घंटे जारी रहा।
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