छत्तीसगढ़: देशभर में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। प्रधानमंत्री से लेकर हर राज्य के मुख्यमंत्री तक दिन रात इस आपदा से देशवासियों को बचाने के निरंतर प्रयास कर रहे हैं। पक्ष-विपक्ष एक होकर काम कर रहा है। लेकिन छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री को जैसे अपने प्रदेश के लोगों की कोई फिक्र ही नहीं है। बस वह खुद को सुरक्षित करने में लगे हुए हैं।
क्वारंनटाइन हुए स्वास्थय मंत्री
कोरोना वायरस के छ्त्तीसगढ़ में पैर पसारते ही टीएस देव पहले तो बिमार रिश्तेदार का हवाला देकर मुंबई चले गए। फिर हफ्तेभर तक लॉकडाउन के बहाने मुंबई में टिके रहे। जब जनता ने सवाल पूछने शुरू किए और प्रेशर पड़ा तो टीएस देव फौरन बंदोबस्त करके रायपुर पहुंच गए। लेकिन हद तो तब हो गई जब मंत्री जी गाइडलाइन का हवाला देकर क्वारनटाइन हो गए। यानी स्वास्थय मंत्री टीएस देव रायपुर तो आए मगर राज्य की जनता का स्वास्थ्य जानने की जगह क्वारंटाइन हो गए।
हाथ पर हाथ धरे बैठा स्वास्थ्य विभाग
स्वास्थ्य मंत्री की लापरवाही के चलते इस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए छत्तीसगढ़ की पौने तीन करोड़ जनता भारत सरकार के सिर्फ एम्स के भरोसे है। राज्य सरकार का स्वास्थ्य विभाग द्वारा पिछले दो माह से हाथ में हाथ धरा बैठा है और अब तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस महामारी से निपटने के लिए कोई ठोस कदम नही उठाया गया है।
हालांकि अधिकारियों की माने तो से निपटने के लिए मुख्यमंत्री लगातार इसकी मॉनिटरिंग कर रहे साथ ही राज्य के बड़ी संख्या में सामाजिक और स्वयं सेवी संगठन आगे आकर जरूरतमंद और पीड़ितों की मदद में योगदान दे रहें। यही नहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कड़े निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग अब हरकत में आया है और अब जाकर सभी जिलों में 100-100 बिस्तर के आइसोलेशन वार्ड तैयार करने की कार्यवाही की जा रही है।
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