रायपुर: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में नक्सलियों से लड़ते शहीद हुए पुलिस जवान की पत्नी ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में 10 हजार रुपये का दान दिया है। शहीद की पत्नी के योगदान को याद रखने तथा लोग उनसे प्रेरणा ले सकें, इसके लिए बस्तर जिला प्रशासन ने स्वयंसेवकों की मदद से एक वीडियो भी बनाया है। शहीद की पत्नी राधिका साहू (32 वर्ष) ने कहा कि उनके पति उनसे कहते थे कि सभी को अपनी क्षमता के अनुसार जरूरतमंद लोगों की मदद करनी चाहिए। वर्तमान में यह संकट का समय है और सबको मदद की जरूरत है। इसलिए उन्होंने अपने पति से जो कुछ भी सीखा, वही वह कर रही हैं। राधिका अपने पति को याद करते हुए भावुक हो गईं और उनके किए गए कार्यों के बारे में बताया।
राधिका के पति उपेंद्र साहू छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (CAF) में हवलदार के पद पर तैनात थे। साहू पिछले महीने 14 तारीख को बस्तर जिले के बोदली और मोलेवाही गांव के मध्य नक्सली हमले में शहीद हो गए थे। इस घटना में दो जवान शहीद हुए थे। शहीद की पत्नी राधिका बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर शहर में किराए के मकान में अपने दो बेटों के साथ रहती हैं। राधिका का बड़ा बेटा 10 साल का और दूसरा छह वर्ष का है। राधिका के परिवार की रोजी-रोटी शहीदों के परिजनों को मिलने वाले मुआवजे से चल रही है।
उन्होंने बताया कि अब तक उन्हें 2.50 लाख रुपये मिले हैं। इस राशि में से ही उन्होंने मुख्यमंत्री राहत कोष में 10 हजार रुपये का योगदान दिया है। शहीद की पत्नी के योगदान की तारीफ करते हुए बस्तर के पुलिस अधीक्षक दीपक झा ने कहा कि वह उनके इस नेक काम से अभिभूत हैं। हालांकि शुरू में हमने राधिका से कहा कि उन्हें ऐसा करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उन्हें अपने दो बेटों की देखभाल करनी है। लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री राहत कोष में दान देने पर जोर दिया तब जिला प्रशासन को इसे स्वीकार करना पड़ा।
झा ने बताया कि राधिका को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने की प्रक्रिया चल रही है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्हें नक्सली हिंसा में मारे गए पुलिसकर्मियों के परिवारों को दी जाने वाली प्रारंभिक राशि दी गई है। शेष राशि उन्हें और परिवार को जल्द ही प्रदान की जाएगी।
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