रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंगलवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंत्रिमंडल के सदस्यों की संख्या 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी करने के लिए शासकीय संकल्प पारित किया, जिसका विपक्ष ने विरोध किया। विधानसभा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संकल्प प्रस्तुत किया कि 'यह सदन केंद्र सरकार से ये अनुरोध करता है कि राज्य के वृहद क्षेत्रफल और प्रदेश के त्वरित विकास के हित में छत्तीसगढ़ राज्य के मंत्रिपरिषद के सदस्यों की संख्या 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत किए जाने हेतु संविधान के अनुच्छेद 164-1-क के प्रावधान को संशोधित करने के लिए समुचित पहल की जाए।'
मुख्यमंत्री के संकल्प प्रस्तुत करने के बाद विपक्ष के सदस्यों ने इसका विरोध किया और कहा कि मंत्रिमंडल में अधिक सदस्यों को जगह देने के लिए यह संकल्प लाया गया है। इसकी न कोई वैधता है न ही आवश्यकता है। विपक्ष के सदस्यों ने कहा कि सरकार केवल तुष्टिकरण के लिए ऐसा कर रही है। तुष्टिकरण ने देश को हमेशा नुकसान पहुंचाया है चाहे वह किसी भी रूप में क्यों न हो।
चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ का क्षेत्रफल कुछ राज्यों से बड़ा है लेकिन यहां विधायकों की संख्या कम है। राज्य के सभी क्षेत्रों का बेहतर तरीके से विकास हो सके, इसलिए यह संकल्प लाया गया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष का यह आरोप गलत है कि इस संकल्प को तुष्टिकरण के लिए लाया गया है। सरकार का उदेश्य तथा नियत साफ है।
जब सदन में सकंल्प को पारित किया जा रहा था तब विपक्ष के नेता धरमलाल कौशिक ने इसे वापस लेने का अनुरोध किया। बाद में विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया। विपक्ष की अनुपस्थिति में संकल्प को पारित कर दिया गया।
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