श्रीनगर। कश्मीर घाटी को शेष भारत से जोड़ने के लिए चेनाब नदी पर विश्व के सबसे ऊंचे चिनाब ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने एक वीडियो शेयर करते हुए चिनाब ब्रिज की विशेषताओं के बारे में जानकारी दी है। रेल मंत्री की ओर से ट्वीटर प जारी वीडियो के मुताबिक, चिनाब ब्रिज 1315 मीटर लंबा है, अर्धवृत की लंबाई 467 मीटर, यह दुनिया का सबसे ऊंचा आर्क रेलवे ब्रिज है और 359 मीटर इसकी ऊंचाई है । यह पुल पेरिस के एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा है।
पुल के एक तरफ के खंबे की ऊंचाई 131 मीटर है जो कुतुब मिनार (72 मीटर) से कहीं ज्यादा है। पुल का डिजाइन इस तरह से तैयार किया गया है कि यह 266 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली आंधी को भी झेल सकता है। पुल को तैयार करने के लिए एक समय में अधिकतम 3200 लोग काम पर रहे हैं। पुल को इस तरह से तैयार किया गया है कि यह 120 वर्ष तक चलता रहे। भारतीय रेलवे के इंजीनियरों ने इस पुल को तैयार किया है और दुनियाभर में भारतीय इंजीनियरिंग का लोहा मनवाने के लिए शानदार नमूना पेश किया है।
2021 के अंत तक काम पूरा होने की संभावना
गौरतलब है कि चिनाब पुल परियोजना का काम 2021 तक पूरा होने की संभावना है। भारतीय रेलवे नेटवर्क की 272 किलोमीटर "उधमपुर-कटरा-क़ाज़ीगुंड-बारामुला" (यूएसबीआरएल) राष्ट्रीय रेल परियोजना लाइन के माध्यम से कश्मीर घाटी को शेष भारत के साथ जोड़ा जाना है। इस रेल लाइन पर कार्य पूरा हो जाने के बाद सभी मौसमों में आरामदायक, सुविधाजनक और समय की बचत के साथ जम्मू और कश्मीर के दूर-दराज और सुदूरवर्ती क्षेत्रों को परिवहन की सुविधा प्रदान की जा सकेगी। चिनाब ब्रिज कटरा और बनिहाल के बीच 111 किलोमीटर लंबे खंड में सबसे अहम एवं सर्वाधिक महत्वपूर्ण संपर्क है। यह उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल संपर्क परियोजना का हिस्सा है।
वाजपेयी काल में शुरू हुआ था काम
चिनाब ब्रिज का निर्माण कार्य पूरा हो जाने पर यह चीन में बेइपन नदी पर स्थित शुईबाई रेल पुल (275 मीटर ऊंचा) को पछाड़ देगा। पुल का निर्माण सुरक्षा और अन्य कारणों को लेकर 2008 में रोक दिया गया था। इसे साल 2010 में फिर से शुरू किया गया। यह पहले ही कई समय सीमा को पूरा नहीं कर पाया है। पुल का निर्माण कार्य साल 2002 में शुरू किया गया था जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे।
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