नई दिल्ली: आधी रात को देश चांद को छूने के बेहद करीब पहुंच गया था लेकिन चांद की सतह से महज दो किलोमीटर पहले लैंडर विक्रम का संपर्क स्पेस कंट्रोल सेंटर से टूट गया। रात 1.49 पर लैंडर विक्रम से सिग्नल मिलने बंद हो गये। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसरो के कंट्रोल सेंटर में खुद मौजूद थे और वहां पर मौजूद वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ा रहे थे। लैंडर से संपर्क टूटने के बाद जब कंट्रोल रूम में मायूसी छा गई तो प्रधानमंत्री दर्शक दीर्घा से उतर कर कंट्रोल रूम में वैज्ञानिकों के पास पहुंचे और कहा कि उनकी उपल्बिधियों पर पूरे देश को गर्व है। वैज्ञानिकों ने जो हासिल दिखाया है वो कम नहीं है।
लैंडर विक्रम अपनी तय गति से चांद को छूने ही वाला था लेकिन तभी कंट्रोल रूम में सन्नाटा पसर गया। लैंडर का संपर्क टूट चुका था लेकिन उम्मीदें बरकरार थी। इसरो के चीफ के सिवन पीएम मोदी के पास आए और उसके बाद पीएम कंट्रोल रूम की दर्शक दीर्घा से बाहर आ गए। हर कोई सांसे रोके इंतज़ार कर रहा था तभी के सिवन ने अनाउंसमेंट की कि विक्रम लैंडर 2.1 किमी की ऊंचाई तक सामान्य गति से गया तभी लैंडर का ग्राउंड स्टेशन से संपर्क टूट गया। आंकड़ों की समीक्षा की जा रही है।
इसरो चीफ ने बताया विक्रम लैंडर अपने सबसे बड़े इम्तिहान में तय रास्ते से गुज़र रहा था। उसका रास्ता बिल्कुल सही था और उम्मीद की जा रही थी कि लैंडिग बिल्कुल ठीक होगी लेकिन तभी उसके रास्ते में भटकाव दिखा और चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की दूरी पर उससे संपर्क टूट गया लेकिन तब तक इसरो वो हासिल कर चुका था जिस पर देश को गर्व था। गहन तनाव के पलों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद मिशन के कंट्रोल सेंटर में पहुंचे और वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया।
पीएम ने कहा, ‘‘संपर्क टूट गया है। मैं आपके चेहरों पर चिंता देख सकता हूं। निराश होने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है। देश को आप पर गर्व है। आपके प्रयास से हमें बहुत कुछ सीखने की आवश्यकता है। जैसा कि वैज्ञानिकों ने मुझे बताया कि यदि संपर्क फिर से स्थापित हो जाता है तो यह डेटा भेजेगा। हमें सर्वश्रेष्ठ के लिए उम्मीद करनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरी आपको शुभकामनाएं। आपने राष्ट्र और विज्ञान की उत्तम सेवा की है। हम भी आप सभी से बहुत कुछ सीख रहे हैं।’’
लैंडर विक्रम से मिले आंकड़ों की समीक्षा की जा रही है। मॉरीशस और मैड्रिड में लैंडर विक्रम के भेजे गए संदेश भी मिले थे लेकिन इसरो इनकी समीक्षा कर रहा है। इस पूरे मिशन में अभी भी एक बहुत ही पावरफुल सैटेलाइट आर्बिटर चांद की कक्षा में चक्कर लगा रही है जो चांद पर कई तरह के प्रयोग करने में सक्षम है। इतना ही नहीं विक्रम लैंडर को चंद्रमा में 14 दिन तक प्रयोग करने थे और इस बात की पूरी उम्मीद है कि वहां से कभी भी संपर्क स्थापित हो सकता है।
विक्रम की लैंडिंग देखने के लिए देश भर से सत्तर बच्चे भी आए थे जिनमें रॉयल भूटान यूनिवर्सिटी के छात्र भी थे। उनके चेहरों पर भी तनाव था। पीएम मोदी उनके पास भी गए और बच्चों का हौसला बढ़ाया। इन छात्र-छात्राओं का चयन ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता के जरिए किया गया था। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वैज्ञानिकों का समर्थन करते हुए कहा कि देश उनके साथ खड़ा है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘भविष्य के अभियानों के लिए मेरी शुभकामनाएं।’’
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