क्या होती है राजा की शक्ति-
एक राजा की शक्ति उसका बाहुबल होता है। वह बाहुबल के दम पर अपने सारे काम करवाने में सक्षम होता है। इसके दो मायने हो सकते हैं। पहला यह चाणक्य का मानना था कि बाहुबल ही सब कुछ होता है जिसे दूसरी भाषा में तानाशाही कहा जा सकता है, लेकिन दूसरी तरफ चाणक्य के बाहुबल का मतलब बाहुबल के उपयोग से लोकतांत्रिक व्यवस्था के अनुरुप जनता की भलाई के लिए बेहतर काम करना भी है। आमतौर पर राजा के अधीन उसकी सेना और मंत्री रहते हैं, लेकिन उसका स्वयं का ताकतवर होना भी जरूरी होता है।
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