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Hindi News भारत राष्ट्रीय चाणक्य नीति: गलत समय में पानी पीना विष के समान

चाणक्य नीति: गलत समय में पानी पीना विष के समान

नई दिल्ली: कहा जाता है कि पानी अमृत के समान होता है अगर कोई व्यक्ति प्यासा मर रहा हो और उसे दो बूंद भी पानी मिल जाए तो वो फिर से जी उठेगा। लेकिन कुछ


किस समय पानी पीना चाहिए
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में यह भी बताया है कि हमें किस वक्त पानी पीना चाहिए। उनके अनुसार जब खाना पूरी तरह पच जाए तब पानी पीना चाहिए। खाना पचने के बाद पानी पीने पर वह अमृत के समान काम करता है। साथ ही शरीर को भरपूर ऊर्जा भी प्रदान करता है। हमें एक दिन में कम से कम सात लीटर पानी पीना चाहिए। इससे हमारा शरीर पानी की कमी को पूरा कर लेता है। शारीरिक परिश्रम करने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए। कम से कम आधे घंटे रुककर पानी पीना चाहिए।

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