चमोली. रविवार को चमोली में प्रकृति ने अपना रौद्र रुप दिखाया। ग्लेशियर टूटने के बाद हुई भीषण तबाही के बाद अब रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। यहां टनल में फंसे लोगों को निकालने के लिए ITBP, भारतीय सेना, उत्तराखंड पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ संयुक्त अभियान चला रही हैं। भारतीय सेना ने बताया कि इंजीनियरिंग टास्क फोर्स सहित सेना के कर्मियों के अथक प्रयासों के बाद, सुरंग का मुंह साफ किया गया। जनरेटर और सर्च लाइट लगाकर रात भर earthmovers के साथ काम जारी रखा गया। फील्ड अस्पताल घटना स्थल पर चिकित्सा सहायता प्रदान कर रहा है।
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भारतीय सेना ने जानकारी दी कि भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर सुबह से पहले ही अपनी टीमों के साथ बचाव कार्य में जुट गए हैं। हिमस्खलन के खतरे का पता लगाने के लिए ऊंचे इलाकों की टोह ली जा रही है। ITBP देहरादून के सेक्टर हेडक्वार्टर की DIG अपर्णा कुमार ने बताया कि बड़ी टनल को 70-80 मीटर खोला गया है, जेसीबी से मलबा निकाल रहे हैं। यहां कल से 30-40 कर्मी फंसे हुए हैं। आईटीबीपी, उत्तराखंड पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और सेना यहां संयुक्त ऑपरेशन कर रही है।
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उत्तराखंड पुलिस के DGP अशोक कुमार ने बताया कि ग्लेशियर टूटने से रैणी पावर प्रोजेक्ट पूरा बह गया और तपोवन भी क्षतिग्रस्त हुआ। पहले प्रोजेक्ट से 32 लोग लापता हैं और दूसरे प्रोजेक्ट से 121 लोग लापता हैं। इनमें से 10 शव बरामद हो गए हैं। तपोवन प्रोजेक्ट में दो टनल थीं, छोटी टनल से कल 12 लोगों को बचाया गया। बड़ी टनल को खोलने की कोशिश की जा रही है। टनल का मलबा बाहर निकाला जा रहा है, इस काम में सेना की टीम लगी हुई है। मुझे उम्मीद है कि टनल शाम तक खुल जाएगी। बता दें कि कल की घटना के बाद अब तक कुल 15 व्यक्तियों को रेस्क्यू किया गया है और अलग-अलग स्थानों से 14 शव बरामद किए गए हैं।
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