नई दिल्ली: तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान कल चक्का जाम करने जा रहे हैं। किसान यूनियनों का कहना है कि यह 'चक्का जाम' देशव्यापी होगा। चक्का जाम का कॉल संयुक्त किसान मोर्चा ने दिया है। बता दें कि राकेश टिकैत ने कल कहा था कि दिल्ली के अलावा पूरे देश में चक्का जाम करेंगे। बलबीर सिंह राजेवाल के मुलाकात के बाद राकेश टिकैत ने कहा यूपी और उत्तराखंड में भी चक्का जाम नहीं होगा। इस संबंध में कुछ महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
6 फरवरी को होने वाले चक्का जाम से जुड़ी बड़ी बातें - देश भर में राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों को दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक जाम किया जाएगा।
- इमरजेंसी और आवश्यक सेवाओं जैसे एम्बुलेंस, स्कूल बस आदि को नहीं रोका जाएगा।
- चक्का जाम पूरी तरह से शांतिपूर्ण और अहिंसक रहेगा। प्रदर्शनकारियों को निर्देश दिए जाते है कि वे इस कार्यक्रम के दौरान किसी भी अधिकारी, कर्मचारियों या आम नागरिकों के साथ किसी भी टकराव में शामिल न हो।
- दिल्ली NCR में कोई चक्का जाम प्रोग्राम नहीं होगा क्योंकि सभी विरोध स्थल पहले से ही चक्का जाम मोड में हैं। दिल्ली में प्रवेश करने के लिए सभी सड़कें खुली रहेंगी, सिवाय उनके, जहां पहले से ही किसानों के पक्के मोर्चे लगे हुए है।
- 3:01 बजे तक हॉर्न बजाकर, किसानों की एकता का संकेत देते हुए, चक्का जाम कार्यक्रम संपन्न होगा।
- संयुक्त किसान मोर्चा ने जनता से भी अपील की कि वे अन्न दाता के साथ अपना समर्थन और एकजुटता व्यक्त करने के लिए इस कार्यक्रम में शामिल हों।
चक्का जाम के दौरान प्रमुख सड़कों पर, 6 फरवरी की दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच गाड़ियां नहीं चलने दी जाएंगी। सिंघु बॉर्डर के पास 1 फरवरी को हुई बैठक में इसपर अंतिम फैसला हुआ था। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को कहा कि जो लोग यहां नहीं आ पाए, वो अपने-अपने जगहों पर कल चक्का जाम शांतिपूर्ण तरीके से करेंगे।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच 12 दौर की बातचीत बेनतीजा रही है। सरकार ने डेढ़ साल के लिए कानूनों को टालने का प्रस्ताव दिया था मगर किसान नेता कानूनों को पूरी तरह से वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं। शुक्रवार को राज्यसभा में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इसपर बयान दिया। उन्होंने कहा कि सरकार नये कृषि कानूनों में किसी भी संशोधन को तैयार है। इसके ये मायने नहीं है कि कानून में किसी भी प्रकार की गलती है।
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