राजनांदगांव (छग): रक्षाबंधन त्योहार पर समूचे देश की बहनें अपने भाइयों की कलाइयों में राखियां सजा रही थीं, मगर छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के पलारी और छछानपहरी गांव में सोमवार को मातम पसरा था। यहां भी बहनें हाथ में राखी लेकर अपने भैया का इंतजार कर रही थीं, मगर इस बार भैया की जगह उनका ताबूत आया।
जिले के भावे जंगल में रविवार को नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए पुलिस सब इंस्पेक्टर युगल किशोर वर्मा और हवलदार कृषलाल साहू के पार्थिव शरीर सोमवार सुबह जब उनके घर लाए गए तो बहनें बेतहाशा चीख पड़ीं। राखियां हाथों से छूट गईं, पूरे घर में कोहराम मच गया।
ताबूत के साथ गए जवानों ने उन्हें ढाढस बंधाया कि शहीदों की शहादत पर रोया नहीं जाता। तब बहनों ने जी कड़ा किया और अपने आंसू पोंछ लिए। इन बहनों ने साथ आए सैनिक भाइयों से कहा, "भैया, अब इनका बदला आप लेना। उन कायरों को छोड़ना नहीं, तुमको ये कसम तुम्हारी बहन दे रही है।"
शहीद हुए 2008 बैच के सब इंस्पेक्टर युगल किशोर वर्मा बलौदाबाजार जिले के ग्राम पलारी के निवासी थे। दूसरे शहीद जवान जिले के अम्बागढ़ चौकी विकासखंड के ग्राम छछानपहरी के निवासी थे। जिले के दो वीर जवानों के शहीद होने से जिले और पूरे राज्य में शोक है।
राजनांदगांव पुलिस लाइन में वीर सपूतों के अंतिम दर्शन के लिए लोग पहुंचे। सोमवार सुबह 7.30 बजे जिला और पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों और आम नागरिकों की मौजूदगी में सभी ने नम आंखों से शहीद जवानों को अंतिम विदाई दी।
दुर्ग रेंज के पुलिस महानिरीक्षक दीपांशु काबरा, कलेक्टर भीम सिंह और पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने शहीद जवानों को पुष्पचक्र भेंट कर सलामी दी। इस दौरान पुलिस महानिरीक्षक काबरा ने शहीदों के परिजनों को ढांढस बंधाया। उन्होंने कहा, "इस अपार दुख की घड़ी में पूरा पुलिस प्रशासन और राज्य सरकार आप लोगों के साथ खड़ा है।"
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