नई दिल्ली: संसद के मॉनसून सत्र से पहले केंद्र सरकार ने सिक्किम सेक्टर के डोकलम में भारत-चीन के बीच गतिरोध तथा सात अमरनाथ यात्रियों की हत्या के मद्देनजर कश्मीर के हालात पर चर्चा के लिए शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज तथा केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह विपक्षी पार्टियों को हालात से अवगत कराएंगे। बैठक राजनाथ सिंह के आवास पर होगी। बैठक का मकसद 17 जुलाई से शुरू हो रहे मॉनसून सत्र से पहले दोनों मुद्दों पर विपक्षी पार्टियों को विश्वास में लेना है।
सिक्किम सेक्टर के डोकलम में भारत तथा चीन के बीच गतिरोध को एक महीना बीत चुका है, जिसका अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है। भारत और चीन की सेनाओं के बीच सिक्किम में जून से विवाद है। यह विवाद उस समय शुरू हुआ, जब चीन ने उस क्षेत्र में सड़क निर्माण का प्रयास किया, जिसे भूटान अपना होने का दावा करता है। सूत्रों का कहना है कि सरकार बैठक के दौरान जम्मू एवं कश्मीर के हालात पर भी विचार-विमर्श करना चाहती है, जिसके हालात पिछले साल आतंकवादी कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद बद्तर हो चले हैं।
विपक्षी पार्टियां हालांकि कश्मीर के बिगड़ते हालात पर संसद के बाहर चर्चा करने को उत्सुक नहीं दिख रही। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा, "हां, हम बैठक में शिरकत करेंगे। बैठक केवल भारत-चीन-भूटान सीमाओं पर हुए घटनाक्रम को लेकर होगी। डोकलम गंभीर चिंता का मुद्दा है। उम्मीद है कि सरकार हमें अवगत कराएगी कि उसका क्या आकलन है और इसके समाधान के लिए उसके पास क्या प्रस्ताव है।"
यह पूछे जाने पर कि बैठक में जम्मू एवं कश्मीर मुद्दे पर भी चर्चा होगी, शर्मा ने कहा, "मैं इसपर चर्चा नहीं करने जा रहा हूं, क्योंकि यह बैठक एक खास मकसद को लेकर है। मुद्दे उठाने के लिए हमारे पास मंच के रूप में संसद है। जैसे ही सत्र शुरू होगा, इस मुद्दे को संसद में उठाया जाएगा।" जनता दल (युनाइटेड) के प्रवक्ता के.सी.त्यागी ने भी पुष्टि की है कि उनकी पार्टी बैठक में शामिल होगी, लेकिन बैठक के एजेंडे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
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